विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बिजनौर के मदरसे में 10 जुलाई 2019 में छापामारी की गई थी। उस दौरान एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, न कि एडवांस हथियार या कोई मशीनगन। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूपी के बिजनौर में मदरसे में छापेमारी के दौरान मशीनगन समेत कई हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। तस्वीर में कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2019 की घटना को अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। बिजनौर के मदरसे में 10 जुलाई 2019 को छापामारी की गई थी। उस दौरान एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, न कि एडवांस हथियार या कोई मशीनगन। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
विश्वास न्यूज़ को अपने टिप लाइन चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर यह पोस्ट जांचने के लिए मिली। साथ में लिखा था, “उतरप्रदेश, बिजनौर में मदरसे पर मारे गये छापे में बरामद हथियारों का जखीरा! 6 मौलवी गिरफ्तार ! चिन्ता वाली बात इसमें यह है कि Lmg मशीनगन का मिलना! एक मिनट में आठ हजार राउण्ड फायरिंग की क्षमता वाली मशीनगन! समझिए इन लोगों की तैयारी को! जागो भाई · जागो इन्होंने तुम्हारा भविष्य तय कर दिया। बस मोदी के हटने की भाई तक पहुंचाएं इस सच्चाई देर है। हर को आपके फोन में जितने भी WhatsApp नंबर है सभी को शेयर करें”
पड़ताल
इस दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। हमें बिजनौर मदरसे में हुई छापेमारी की खबर कई जगह मिली। मगर ये सभी खबरें 2019 की थीं, हालिया नहीं। Jagran.com (Archive) पर 11 जुलाई 2019 को पब्लिश खबर में बताया गया कि बिजनौर के शेरकोट थाना क्षेत्र में कंदला रोड पर पुलिस ने एक मदरसे और एक मकान में छापा मारा। इस दौरान मकान में तो कुछ नहीं मिला, लेकिन मदरसे में पुलिस ने बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं। बरामद हथियार में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और कुछ जिंदा कारतूस शामिल है। इस दौरान पुलिस ने मदरसा संचालक सहित छह लोगों को हिरासत में लिया।”
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर बिजनौर पुलिस वेरिफाइड हैंडल पर 2019 के एक ट्वीट में मिली। ट्वीट में लिखा था “थाना शेरकोट @bijnorpolice द्वारा मदरसे में अवैध शस्त्रों की तस्करी करते 06 अभियुक्तगण 01 पिस्टल, 04 तमंचे व भारी मात्रा में कारतूसों सहित गिरफ्तार।”
पड़ताल के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण के बिजनौर स्थित क्राइम रिपोर्टर वीरेंद्र देशवाल से बात की। उन्होंने बताया, “शेरकोट में पुलिस ने जुलाई 2019 एक मदरसे में छापामारी की थी। छापेमारी में पुलिस को मदरसे की तलाशी के दौरान एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और कुछ कारतूस मिले। पुलिस ने मदरसे से छह लोगों को हिरासत में लिया। मदरसे में एक सेफ में दवाइयों के डिब्बे रखे थे, इन्हीं में से हथियार मिले हैं। मशीनगन मिलने वाली बात गलत है।”
विश्वास न्यूज़ ने ऐसे ही एक पोस्ट का फैक्टचेक 2020 में भी किया था। उस खबर को यहाँ क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
अंत में हमने उस फेसबुक अकाउंट की जांच की, जिसने फर्जी तस्वीरों के जरिए पोस्ट वायरल की थी। हमें पता चला कि यूजर Deepak Pandey नैनीताल का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बिजनौर के मदरसे में 10 जुलाई 2019 में छापामारी की गई थी। उस दौरान एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, न कि एडवांस हथियार या कोई मशीनगन। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
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