Fact Check: बिजनौर मदरसे की रेड में नहीं मिली थी मशीनगन, 2019 की घटना एक बार फिर भ्रामक दावे के साथ वायरल

हमारी पड़ताल में बिजनौर के मदरसे में हथियारों के जब्त किये जाने की खबर के नाम से वायरल कोलाज फर्जी निकला। चार अलग-अलग तस्वीरों का कोलाज बनाकर झूठ फैलाया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर चार तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यूपी के  बिजनौर में एक मदरसे में रेड डाली गई, जिसमें तस्वीर में दिख रहे हथियार बरामद हुए। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। जिन तस्‍वीरों को बिजनौर के मदरसे का बताकर  शेयर किया जा रहा है, वह अलग-अलग जगहों की पुरानी तस्वीरें हैं। हाल-फिलहाल में बिजनौर के किसी भी मदरसे से हथियार बरामद नहीं हुए हैं। जुलाई 2019 में बिजनौर पुलिस को एक मदरसे से एक पिस्टल, 4 तमंचे, 49 जिंदा कारतूस मिले थे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘सत्य सनातन दिव्य ज्ञान‘ (archive) ने 8 जुलाई को चार तस्वीरों का एक कोलाज पोस्‍ट करते हुए दावा किया : “उत्तर प्रदेश, बिजनौर में मदरसे पर मारे गये छापे में बरामद हथियारों का जखीरा…! 6 मौलवी गिरफ्तार…चिन्ता वाली बात इसमें यह है कि LMG मशीनगन का मिलना ! एक मिनट में आठ हजार राउण्ड फायरिंग की क्षमता वाली मशीनगन! समझिए इन लोगों की तैयारी को ! जागो भाई. जागो इन्होंने तुम्हारा भविष्य तय कर दिया। बस मोदी के हटने की देर है हर भाई तक पहुंचाएं इस सच्चाई को।सभी को शेयर करें”

पड़ताल

हमने वायरल पोस्ट की जांच करने के लिए गूगल सर्च किया। पड़ताल के दौरान हमें 8 नवंबर 2020 का बिजनौर पुलिस का एक पुराना ट्वीट मिला। इस ट्वीट में वायरल दावे का खंडन करते हुए लिखा गया था, “जनपद बिजनौर के थाना शेरकोट क्षेत्रान्तर्गत मदरसे में हजारों गन, तलवारों का जखीरा बरामद होने के सम्बन्ध में बिजनौर पुलिस खबर का खंडन करती है। सही खबर निम्न प्रकार है। ‘उक्त खबर के संबंध में अवगत कराना है कि थाना शेरकोट पुलिस द्वारा माह जुलाई वर्ष 2019 में मदरसे पर दबिश देकर 06 अभियुक्तगण से 01 पिस्टल, 04 तमंचे, 49 जिंदा कारतूस व 01 स्विफ्ट गाड़ी सहित 06 अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर जिला कारागार बिजनौर भेजा गया। ट्वीट मे सोफे पर रखे भारी मात्रा में अवैध हथियार व तलवारों के दर्शाये फोटो भ्रामक है। जनपद बिजनौर पुलिस इस खबर का खंडन करती है।’”

इससे ये तो साफ़ हो गया कि वायरल पोस्ट गलत है। विश्वास न्यूज़ ने एक बार पहले भी ऐसे ही एक पोस्ट की जांच की थी। उस समय इन सभी तस्वीरों की एक-एक करके पड़ताल की गई थी। उस पड़ताल को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

पिछली पड़ताल के वक्‍त विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, बिजनौर के ब्यूरो चीफ कपिल सिखेरा से संपर्क किया था। उन्‍होंने बताया था कि वायरल तस्वीरों का कोलाज पिछले कई सालों से वायरल है। यह फेक है। 2019 में मदरसे में हुई रेड में 1 पिस्टल, 4 तमंचे और 49 जिंदा कारतूस जब्त किये गए थे। मशीन गन मिलने वाली बात सरासर गलत है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर ‘सत्य सनातन दिव्य ज्ञान’ की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर बिहार के मोतिहारी से ताल्लुक रखता है। उन्हें पांच सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में बिजनौर के मदरसे में हथियारों के जब्त किये जाने की खबर के नाम से वायरल कोलाज फर्जी निकला। चार अलग-अलग तस्वीरों का कोलाज बनाकर झूठ फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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