सितंबर 2018 के वीडियो को हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर इसे पुराना बताया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 49 सेकंड का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला दर्द से कराह रही है और वहां मौजूद अन्य महिलाएं कह रही हैं, एक गर्भवती महिला के पेट पर लाठी मारी है इन लोगों ने। वीडियो में काफी पुलिसकर्मी भी दिख रहे हैं। इसके साथ में दावा किया गया है कि 26 दिसंबर को लखनऊ में नौकरी मांग रहे बीएड अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के पेट में भी लाठी मारी गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को भ्रामक पाया। वायरल वीडियो सितंबर 2018 का है। यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर इस भ्रामक दावे को पोस्ट नहीं करने की सलाह दी है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Piyush Singh ने 26 दिसंबर को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
नौकरी मत दो लेकिन गर्भवती लड़कियों के पेट पर लाठी तो मत मारो:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी कहते है कि प्रदेश में इतनी नौकरियां है कि योग्य उम्मीदवार नही मिलते ।
वहीं दूसरी ओर आज लखनऊ में जब योग्य बी.एड अभ्यर्थी नौकरियां मांगते है तो योगी जी की तानाशाही पुलिस उन पर लाठियां बरसाती है शर्मनाक ये कि वे गर्भवती महिलाओं का भी ख्याल नही करते उनके पेट मे लाठी मारते हैं।
ट्विटर यूजर MrSonuYadavjiM1 समेत फेसबुक पर अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते इससे मिलता—जुलता दावा किया।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने InVID से इस वीडियो का कीफ्रेम निकाला और उसे रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें oneindia में 6 सितंबर 2018 को छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल वीडियो भी मिल गया। इसके मुताबिक, मामला लखनऊ का है। शिक्षक दिवस पर जब नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन कर रहे बीएड टीईटी अभ्यर्थी विधानसभा का घेराव करने पहुंचे तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें एक गर्भवती महिला के पेट पर भी लाठी लग गई। इसके बाद पुलिस दर्द से कराहती महिला को पुलिस वैन में अस्पताल ले गई।
इस बारे में 6 सितंबर 2018 को navbharattimes में भी खबर छपी है। इसके मुताबिक, बीएड व यूपी टीईटी 2011 पास अभ्यर्थी बुधवार को जब ईको गार्डन से गांधी प्रतिमा जा रहे थे, तब जेल रोड चौराहे परे पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें इलाहाबाद निवासी गर्भवती महिला मुक्ता कुशवाीा भी घायल हो गईं। उनको झलकारी बाई अस्पताल में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लाठीचार्ज में कुछ अन्य अभ्यर्थी भी घायल हुए हैं।
इस पोस्ट की पड़ताल के लिए और सर्च करने पर हमें UPPViralCheck का ट्वीट मिला। 27 दिसंबर 2021 को किए गए इस ट्वीट में लिखा है,
कृपया 02 वर्ष पुरानी घटना को वर्तमान का बताकर भ्रामक पोस्ट न करें। उक्त भ्रामक खबर का @lkopolice द्वारा भी खंडन किया जा चुका है।
अतः बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।
इस बारे में लखनऊ दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर अजय कुमार श्रीवास्तव का कहना है, एडीसीपी मध्य राघवेंद्र कुमार मिश्र ने इस वीडियो करीब ढाई साल पुराना बताया है। साथ ही इसे हाल फिलहाल का बताकर अफवाह नहीं फैलाने की हिदायत दी गई है। भ्रामक सूचना वायरल करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
तीन साल से ज्यादा पुराने वीडियो को अभी का बताकर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Piyush Singh की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यह महाराजगंज के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: सितंबर 2018 के वीडियो को हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर इसे पुराना बताया है।
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