Fact Check: गाड़ी से शराब बांटे जाना का यह वीडियो करीब चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है, किसान आंदोलन से नहीं है संबंध

गाड़ी में से शराब बांटे जाने का यह वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है। इसका पिछले या हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

Fact Check: गाड़ी से शराब बांटे जाना का यह वीडियो करीब चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है, किसान आंदोलन से नहीं है संबंध

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो में कुछ लोगों को गिलास लेकर गाड़ी वाले से शराब लेते हुए दिखाया गया है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि गाड़ी से शराब बांटने वाले लोगों का यह वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है जबकि 17 सितंबर 2020 को तीनों कृषि बिल लोकसभा में परित हुए थे और नवंबर 2020 में किसानों ने दिल्ली चलो का एलान किया था। इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो का पिछले या हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Sandeep Dhama (आर्काइव लिंक) ने 16 फरवरी को वीडियो पोस्ट करते हुए इसे सिंघु बॉर्डर का बताया। यूजर ने लिखा,

“सिंघु बॉर्डर पर बैठे भूख और प्यास से व्याकुल क्रांतिकारी किसानों का एक झुंड़। यही है आंदोलन”

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस वीडयो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। फेसबुक यूजर Gym Jan De Shaukeen Punjabi ने इस वीडियो को 11 अप्रैल 2020 को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया है। हालांकि, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह वीडियो यूट्यूब चैनल R PUNJABI पर भी मिला। इसे 11 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया है।

‘बागी बलिया’ फेसबुक यूजर ने भी इसे 11 अप्रैल 2020 (आर्काइव लिंक) को अपलोड किया है।

इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने सिंघु बॉर्डर पर रिपोर्टिंग कर रहे ईटीवी भारत के पत्रकार हर्षित मिश्रा से संपर्क किया। उनका कहना है, अभी यहां किसान नहीं पहुचे हैं। इस तरह का कोई मामला यहां सामने नहीं आया है। यह वीडियो पिछली बार भी वायरल हुआ था।

वहीं, शंभू बॉर्डर पर रिपोर्टिंग कर रहे दैनिक जागरण के पत्रकार दिलीप मोदगिल ने कहा कि वहां इस तरह का वाकया पता नहीं चला है।

9 दिसंबर 2021 को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, तीनों कृषि बिल 17 सितंबर 2020 को लोकसभा में पारित हुए थे। 20 सितंबर को इनको राज्यसभा में पारित किया गया। 25 सितंबर को किसानों ने इसका विरोध शुरू किया और 27 को राष्ट्रपति ने इस बिल को मंजूरी दे दी। इसके बाद 25 नवंबर 2020 को किसानों ने दिल्ली कूच का एलान किया।

इससे यह तो साफ होता है कि वायरल वीडियो करीब चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका न तो पिछले किसान आंदोलन से कोई संबंध था और न ही इस आंदोलन से कोई वास्ता है। हालांकि, विश्‍वास न्‍यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है कि यह वीडियो कब का है और कहां का है।

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। दिल्ली में रहने वाले यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।

हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर कई पोस्ट वायरल हो चुकी हैं। विश्‍वास न्‍यूज उनकी पड़ताल कर सच्चाई सामने ला चुका है। फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: गाड़ी में से शराब बांटे जाने का यह वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है। इसका पिछले या हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

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