Fact Check: शेख मोहम्मद बिन राशिद के नाम से रमजान कॉम्पिटीशन पर इनाम देने वाली फर्जी वेबसाइट का लिंक वायरल

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट में दिया गया लिंक फिशिंग लिंक हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद के नाम से एक पोस्ट शेयर की जा रही है। वायरल पोस्ट में एक लिंक भी दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि मोहम्मद बिन राशिद ने रमजान प्रतियोगिता का आयोजन किया है। जिसमें जीतने वाले को शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम उपहार देंगे। विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की और दावे को फर्जी पाया। वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है , जिसे यूजर का डेटा इकट्ठा करने के लिए बनाया गया है। यूजर्स को इस तरह के किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। शेख मोहम्मद बिन राशिद की तरफ से रमजान पर ऐसी कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं की गई है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ‘खान जुनैद’ ने 11 अप्रैल को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, “ मोहम्मद बिन राशिद रमजान प्रतियोगिता। अभी भाग लें, सवालों के जवाब दें और इनाम जीतें। शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम द्वारा उपहार दिया जाएगा। हर कोई विजेता है। जल्दी करो “

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इसे मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे के पीछे की सच्चाई जानने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड्स के साथ गूगल पर सर्च किया। हमें दावे की पुष्टि करती कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक किया। लिंक पर क्लिक करने पर लिखा आया कि यह साइट सुरक्षित नहीं है। आपसे धोखे से सॉफ़्टवेयर इन्स्टॉल करने और आपकी व्यक्तिगत जानकारी (उदाहरण के लिए, पासवर्ड, फ़ोन नंबर या क्रेडिट कार्ड) इकट्ठा करने के लिए यह लिंक बनाया गया है।

हमें दुबई मीडिया एजेंसी लोविन दुबई के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर 30 मार्च को दावे का खंडन करती एक पोस्ट मिली। पोस्ट में बताया गया , ” वॉट्सऐप पर पिछले कुछ दिनों से एक नकली प्रतियोगिता चल रही है, जिसमें कहा गया है कि हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम रमजान प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहे हैं। “

वायरल लिंक के बारे में जानने के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट के लिंक को शेयर किया। इस बारे में उनका कहना है,इस प्रकार के लिंक डेटा कलेक्ट करने के लिए बनाए जाते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

इंडियन साइबर आर्मी के अध्यक्ष और भारतीय पुलिस के साइबर अपराध सलाहकार किसलय चौधरी ने भी इस लिंक को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि यूजर्स को ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। इससे उनकी निजी जानकारी चोरी हो सकती है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर पाकिस्तान का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर के लगभग पांच हजार मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट में दिया गया लिंक फिशिंग लिंक हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।

False
Symbols that define nature of fake news
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