तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के नाम पर केरल और पंजाब का वीडियो वायरल कर गलत दावा किया जा रहा है। तमिलनाडु पुलिस ने भी इन सभी आरोपों को अफवाह बताया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों पर हिंसा के आरोप के साथ अब दो और वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। इनमें एक वीडियो में एक शख्स को दुकान में आग लगाते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरे में एक व्यक्ति को सड़क पर कुछ युवक पीट रहे हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इनमें से एक वीडियो केरल का, जबकि दूसरा पंजाब का है। दोनों का ही तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है।
तमिलनाडु के नाम पर पहले भी कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। विश्वास न्यूज इनमें से अधिकतर वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है। हमारी पड़ताल में ये वीडियो तमिलनाडु के नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के निकले थे।
फेसबुक यूजर ‘अजलम अलम अकंदा‘ (आर्काइव लिंक) ने 5 मार्च को वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
“Tamil Nadu mai ye kya ho raha hai”
वीडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति बोतल में कुछ ज्वलनशील पदार्थ लेकर आता है और दुकान पर उसे डालकर आग लगा देता है। इसके बाद दुकान में मौजूद लोग भागकर बाहर आ जाते हैं।
ट्विटर यूजर संजय यादव (आर्काइव लिंक) ने एक अन्य वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है,
“What is happening?”
वीडियो के साथ तमिलनाडु, बिहार और बिहारी मजदूर के हैशटैग का इस्तेमाल किया गया है। इसमें दिनदहाड़े सड़क पर कुछ युवक एक शख्स को बुरी तरह पीट रहे हैं। अन्य यूजर्स इसे तमिलनाडु का समझकर कमेंट कर रहे हैं।
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिउ हमने उन्हें एक-एक करके चेक करना शुरू किया।
फेसबुक यूजर ‘अजलम अलम अकंदा’ द्वारा शेयर किए गए वीडियो की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। मातृभूमि वेबसाइट पर 4 मार्च को इससे संबंधित खबर छपी है। इसमें वीडियो के कीफ्रेम्स को देखा जा सकता है। इसके मुताबिक, “मामला केरल के त्रिपुनितुरा का है। वहां एक व्यक्ति ने फेसबुक लाइव पोस्ट के बाद लॉटरी एजेंसी को आग लगा दी। यह घटना शुक्रवार (3 मार्च) की शाम को त्रिपुनितुरा के स्टेच्यू में हुई। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान वडकेकोट्टा के मूल निवासी राजेश टीएस के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि राजेश उस क्षेत्र में लॉटरी बेचता है। घटना की वजह का अभी पता नहीं चला है। इससे पहले राजेश ने एक फेसबुक लाइव में शुक्रवार शाम छह बजे लॉटरी एजेंसी में आग लगाने की धमकी दी थी।”
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में 7 मार्च को खबर छपी है, “फेसबुक लाइव पर धमकी देने के बाद त्रिपुनितुरा में एक लॉटरी की दुकान में आग लगाने वाले वडकेकोट्टा के मूल निवासी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। घटना 3 मार्च की शाम की है। हमलावर का नाम राजेश टी है। उसने दुकान के सामने के हिस्से पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घटना में दुकान के सामने रखी लॉटरी जलकर राख हो गई। कर्मचारियों ने पानी डालकर आग को बुझाया। इसी बीच मौके पर जुटे लोगों ने राजेश को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस के मुताबिक, राजेश एक छोटे स्तर का लॉटरी विक्रेता है, जो ज्यादातर त्रिपुनितुरा में एक बार के सामने देखा जाता है। शुक्रवार दोपहर को राजेश ने फेसबुक लाइव कर बताया था कि वह कुछ एजेंसियों के विरोध में एक लॉटरी की दुकान को जलाने जा रहा है, जो क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए हुए हैं।”
इस बारे में हमने केरल में हिन्दुस्तान टाइम्स के ब्यूरो चीफ रमेश बाबू से बात की। उनका कहना है, “यह वीडियो का त्रिपुनितुरा है, जो कोची के बाहर के क्षेत्र में स्थित है। यह घटना कुछ दिन पहले हुई है। इसका तमिलनाडु से कोई वास्ता नहीं है।“
इससे साफ होता है कि दुकान में आग लगाने वाला वीडियो केरल का है, तमिलनाडु का नहीं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
दूसरे वीडियो में कुछ युवक दिनदहाड़े रोड पर एक व्यक्ति को बुरी तरह पीट रहे हैं। हमने इस वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो का एक कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। 19 फरवरी को अमर उजाला में इस बारे में खबर छपी है। इसके अनुसार,”मामला पंजाब के सुनाम का है। वहां एक शख्स को बुरी तरह से पीटने का वीडियो वायरल हुआ है।”
इस बारे में हमने सुनाम थाना प्रभारी अजय कुमार से बात की। उनका कहना है, “यह वीडियो संगरूर जिले के सुनाम थाना क्षेत्र का है। इस मामले में 6 लोगों पर केस दर्ज किया गया था।“
इससे पहले यह वीडियो बुलंदशहर का बताते हुए वायरल हुआ था। बुलंदशहर पुलिस ने भी इस पर सफाई देते हुए कहा था कि यह वहां हुई घटना से संबंधित नहीं है। विश्वास न्यूज की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के मामले में दैनिक जागरण के नाम से फर्जी खबर फैलाई गई थी। इसमें मनगढ़ंत खबर को शेयर किया गया था। विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
केरल के वीडियो को तमिलनाडु के नाम से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘अजलम अलम अकंदा‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह असम के नागांव में रहते हैं। मार्च 2020 से फेसबुक पर सक्रिय अजमल के करीब 5100 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के नाम पर केरल और पंजाब का वीडियो वायरल कर गलत दावा किया जा रहा है। तमिलनाडु पुलिस ने भी इन सभी आरोपों को अफवाह बताया है।
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