केदारनाथ में घोड़े को मारने का विरोध करने पर घोड़ा संचालकों ने यात्रियों पर हमला कर दिया था। इसमें आरोपी और पीड़ित एक ही समुदाय के हैं। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तराखंड में इस समय चारधाम यात्रा चल रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को महिला और युवकों को डंडों से पीटते देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि केदारनाथ में चारधाम यात्रियों के साथ मुस्लिम घोड़ा और खच्चर संचालकों ने मारपीट की। यूजर्स इसे भड़काऊ और सांप्रदायिक रंग देकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केदारनाथ में जब कुछ यात्रियों ने घोड़े को मारने का विरोध किया तो संचालकों ने उन पर हमला बोल दिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय के हैं। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘संजय तिवारी‘ (आर्काइव लिंक) ने 13 जून को वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“शर्मनाक/दुखद – केदारनाथ में मुस्लिम आतंक केदारनाथ में चारधाम यात्रियों के साथ मुस्लिम घोड़ा और खच्चर वालों ने की मारपीट घोड़ापड़ाव /भीमबली क्षेत्र की घटना यात्रियों को लाठी-डंडों से पीटा हमारे साँथ भी इन्होनो बहुत खिलवाद किया, इनलोगो का आतंक है । इन्हे देखकर भी वहाँ की पुलिस इन्हे कुछ नही बोलती। प्रशाशन ne इस तीर्थ pr अमल करना चाहिए।”
फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 13 जून को छपी खबर में लिखा है, “महिपालपुर दिल्ली निवासी तनुका पौंडार ने कोतवाली सोनप्रयाग में पुलिस को शिकायत दी है। इसमें कहा गया है कि वे बाबा केदारनाथ के दर्शन करने आए थे। 10 जून को जब वह गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की यात्रा पर जा रही थीं तो भीमबली पुल के पास उनको एक घोड़ा गिरा हुआ दिखा। उसकी हालत गंभीर थी। इस पर उन्होंने वहां मौजूद लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। वहां पर एक व्यक्ति अन्य घोड़ों को पीट रहा था। उन्होंने इसका विरोध किया तो कई घोड़ा संचालक वहां पहुंच गए और गाली-गलौच करते हुए उनसे मारपीट करने लगे। आरोप है कि इस दौरान घोड़ा संचालकों ने डंडों से उनकी और अन्य यात्रियों की पिटाई की। साथ ही उनको उत्तराखंड से बाहर जाने को कहा। तनुका ने 12 जून को पुलिस को यह शिकायत दी है। पुलिस ने इस मामले में पांच घोड़ा संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कर अंकित सिंह, सन्तोष कुमार, रोहित कुमार और गौतम को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एक नाबालिग भी शामिल है। रुद्रप्रयाग डीएसपी हर्षवर्धनी सुमन ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उनके लाइसेंस को रद्द करने के लिए जिला प्रशासन को सूचना दी गई है।”
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 13 जून को छपी खबर में लिखा है कि केदारनाथ यात्रा पर आई एक महिला और अन्य तीर्थयात्रियों के साथ पांच घोड़ा खच्चर संचालकों ने मारपीट की। पुलिस ने मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी की जा रही है। आरोपियों की पहचान अंकित सिंह, संतोष कुमार, रोहित कुमार सभी निवासी जयकंडी, थाना अगस्त्यमुनि, जिला रुद्रप्रयाग और गौतम सिंह निवासी ग्राम जाखन भरदार थाना, जिला रुद्रप्रयाग के रूप में हुई है। मामले में एक नाबालिग भी शामिल है।
रुद्रप्रयाग पुलिस के ट्विटर हैंडल (आर्काइव लिंक) से भी इस मामले की जानकारी दी गई है। 13 जून 2023 को किए गए ट्वीट में आरोपियों के नाम अंकित सिंह, सन्तोष कुमार, रोहित कुमार निवासी ग्राम आसो, जयकंडी, रुद्रप्रयाग और गौतम निवासी ग्राम जाखन भरदार, रुद्रप्रयाग दिए गए हैं। साथ में इस मामले में एक नाबालिग के शामिल होने की जानकारी दी गई है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने रुद्रप्रयाग में दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर बृजेश भट्ट से संपर्क किया। उनका कहना है, “इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। नाबालिग आरोपी भी हिंदू है। सभी आरोपी स्थानीय निवासी हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर लिया है।“
पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘संजय तिवारी‘ की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह मध्य प्रदेश के कनोड में रहते हैं और उनके करीब 5 हजार फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: केदारनाथ में घोड़े को मारने का विरोध करने पर घोड़ा संचालकों ने यात्रियों पर हमला कर दिया था। इसमें आरोपी और पीड़ित एक ही समुदाय के हैं। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
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