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Fact Check: कर्नाटक में बिजली कंपनी के कर्मचारी को थप्‍पड़ मारने का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

कर्नाटक के कोप्‍पल में जब बिजली कंपनी के कर्मचारी ने बिजली बिल के बकाये पर उपभोक्‍ता का कनेक्‍शन काटने की कोशिश की तो उसने कर्मचारी पर हमला कर दिया। उस घटना के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

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नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो में एक शख्‍स दूसरे व्‍यक्ति को थप्‍पड़ मार रहा है। ऑडियो गैर हिंदी भाषा में है। 1.10 मिनट के इस वीडियो को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद जब बिजली कर्मचारी मीटर रीडिंग लेने एक शख्‍स के घर पर गया तो उसने सरकार की फ्री बिजली गांरटी की बात कहकर बिल देने से मना कर दिया।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला है कि सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ भ्रामक दावा किया जा रहा है। दरअसल, कर्नाटक के कोप्‍पल में आरोपी का छह महीने का बिजली का बिल बकाया था। जब गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्‍लाई कंपनी लिमिटेड (GESCOM) का कर्मचारी उसका कनेक्शन काटने पहुंचा तो आरोपी ने उस पर हमला कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वायरल वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

फेसबुक यूजर ‘महेंद्र मुकाती‘ (आर्काइव लिंक) ने 25 मई को इस वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा,

“ये भाई जो मार खा रहा हैं वो कर्नाटक में बिजली कॉरपोरेशन का कर्मचारी हैं वो मीटर रीडिंग लेने के लिए आया था पर घर मालिक कह रहा हैं हमने मुफ्त बिजली के लिए कांग्रेस को वोट दिया हैं अब से हम कोई बिल विल नहीं भरेंगे…”

पड़ताल

कर्नाटक को लेकर किए जा रहे वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में कीवर्ड से सर्च किया। इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 24 मई को इस बारे में खबर छपी है। इसमें बिजली कंपनी के कर्मचारी को पीटने वाले आरोपी की फोटो को भी देखा जा सकता है। खबर के अनुसार, “कर्नाटक के कोप्पल में एक व्यक्ति ने GESCOM के एक कर्मचारी पर उस समय हमला कर दिया, जब उसने अरोपी से बिजली की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की पहचान कोप्पल के कुकनपल्ली के चंद्रशेखर हिरेमत के रूप में हुई है। उसने GESCOM के कर्मचारी मंजूनाथ पर हमला किया था। आरोपी ने बिल देने से भी मना कर दिया। मंजूनाथ के सहयोगी ने इस घटना को कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया और हिरेमत के खिलाफ मुनीराबाद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है। आरोपी ने वीडियो रिकॉर्ड कर रहे मंजूनाथ के सहयोगी पर भी हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि बिजली कंपनी का कर्मचारी हिरेमत का बिजली कनेक्‍शन काटने गया था, क्योंकि उसने पिछले 6 महीनों से 9,000 रुपये से अधिक का बकाया नहीं चुकाया था। वीडियो में आरोपी कह रहा है कि उसने GESCOM कर्मियों से बिजली मीटर के रजिस्‍ट्रेशन को बदलने के लिए कहा तो उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह भुगतान नहीं करेगा, जो चाहे करो।”

न्‍यूज नाइन लाइव की वेबसाइट पर भी 24 मई को छपी इससे संबंधित खबर को देखा जा सकता है। इसमें वायरल वीडियो को भी अपलोड किया गया है। खबर में लिखा है, “कर्नाटक के कोप्पल जिले में गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (GESCOM) के एक कर्मचारी पर हमला करने के मामले में चंद्रशेखर हिरेमत को गिरफ्तार किया गया। कोप्पल के कुकनपल्ली निवासी हिरेमत से जब कर्मचारी मंजूनाथ से बिजली का बिल भरने को कहा तो उसने गाली दी और हमला कर दिया। हिरेमत ने पिछले 6 महीनों से 9,990 रुपये तक का बकाया नहीं चुकाया था। बिल का भुगतान नहीं होने पर जब मंजूनाथ ने बिजली का कनेक्‍शन काटने की कोशिश की तो आरोपी ने थप्पड़ मार दिया। मंजूनाथ के सहयोगी ने पूरे मामले को कैमरे में रिकॉर्ड किया तो आरोपी ने उस पर भी हमला करने की कोशिश की। हिरेमत के खिलाफ मुनीराबाद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है। आरोपी वीडियो में कह रहा है, कि उसने GESCOM कर्मियों से बिजली मीटर के रजिस्‍ट्रेशन को बदलने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह भुगतान नहीं करेगा, जो चाहो करो।”

डेक्‍कन हेराल्‍ड की वेबसाइट पर भी इस खबर को देखा जा सकता है। इसमें भी लिखा है कि जेसकॉम कर्मचारी पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया है। कोप्‍पल जिले में हुई घटना में आरोपी अपने बिजली बिल का भुगतान करने से मना कर रहा था।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने मुनीराबाद पुलिस थाने में फोन पर बात की। उनका कहना है, “आरोपी पर पिछले छह महीने का करीब 10 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया था। जब बिजली कंपनी के कर्मचारी उसका कनेक्‍शन काटने गए तो उसने उन पर हमला कर दिया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो को कांग्रेस सरकार के फ्री बिजली के वादे के साथ जोड़ा जा रहा है, जो गलत है। ऐसा कोई मामला नहीं है। सोशल मीडिया पर गलत पोस्‍ट की जा रही है।

इसकी और अधिक पुष्टि के लिए हमने कर्नाटक के टीवी पत्रकार यासिर से भी संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उन्‍होंने कहा, “यह मामला फ्री बिजली की गारंटी से संबंधित नहीं है। आरोपी का करीब 10 हजार का बिजली का बिल बकाया था। इस वजह से उसका कनेक्‍शन काट दिया गया था, लेकिन उसने खुद कनेक्‍शन जोड़ लिया था। जब लाइनमैन फिर से कनेक्‍शन काटने पहुंचा तो उसने हमला कर दिया।”    

इकोनॉमिक्‍स टाइम्‍स की वेबसाइट पर 20 मई 2023 को छपी खबर में लिखा है, “20 मई को शपथ लेने वाले कर्नाटक मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई है, जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस द्वारा किए गए चुनावी वादों को मंजूरी देने की घोषणा की। सिद्धारमैया ने कहा कि घोषणापत्र में पांच गारंटियों का वादा किया गया था और पहली कैबिनेट बैठक के बाद उनको लागू करने का आदेश दिया गया था। अगली कैबिनेट बैठक के बाद सभी को लागू कर दिया जाएगा, जिसे एक सप्ताह के भीतर बुलाया जाएगा। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 136 सीटों पर भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। घोषणापत्र में कांग्रेस ने जनता को पांच गारंटी दी थी, जिसमें राज्य के सभी घरों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली भी शामिल थी।”

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘महेंद्र मुकाती‘ की प्रोफाइल को हमने स्‍कैन किया। यूजर के करीब 4500 फॉलोअर्स हैं और वह 849 लोगों को फॉलो करते हैं।  यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

कर्नाटक चुनाव से संबंधित विश्‍वास न्‍यूज की फैक्‍ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

निष्कर्ष: कर्नाटक के कोप्‍पल में जब बिजली कंपनी के कर्मचारी ने बिजली बिल के बकाये पर उपभोक्‍ता का कनेक्‍शन काटने की कोशिश की तो उसने कर्मचारी पर हमला कर दिया। उस घटना के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

  • Claim Review : कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद जब बिजली कर्मचारी मीटर रीडिंग लेने एक शख्‍स के घर पर गया तो उसने सरकार की फ्री बिजली गांरटी की बात कहकर बिल देने से मना कर दिया।
  • Claimed By : FB User- 'महेंद्र मुकाती
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