Fact Check : पाकिस्‍तान के कराची के वीडियो को कश्‍मीर का बताकर किया गया वायरल

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। जम्‍मू व कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद से सोशल मीडिया में फर्जी वीडियो, तस्‍वीरों और पोस्‍ट की बाढ़-सी आ गई है। पुराने वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि कश्‍मीर में जुल्‍म हो रहा है। एक ऐसा ही वीडियो फेसबुक पर अपलोड करते हुए दावा किया गाय कि कश्‍मीर जल रहा है।

विश्‍वास टीम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। पाकिस्‍तान के वीडियो को कश्‍मीर का बताकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर अजाज खान ने 20 अगस्‍त को एक पाकिस्‍तानी वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया, ”कश्मीर जल रहा है। मोदी और शाह दुनिया को दिखाने नही दे रहे आप दिखाये कम से कम दुनिया को बताएं।ये ज़ालिम ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर रहे है।”

इस वीडियो को अब तक दो लाख से ज्‍यादा बार देखा जा चुका है,जबकि 27 हजार लोग इसे शेयर कर चुके हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें बार-बार कहा जा रहा है कि कराची में जो लोग मार दिए गए हैं, उनके परिवार के लोग न्‍याय के लिए सुप्रीम कोर्ट के बाहर खड़े हैं। वीडियो में जस्टिस गुलजार का भी जिक्र आया। पूरे वीडियो को देखने के बाद एक बात तो साफ हो गई कि यह वीडियो हिंदुस्‍तान के कश्‍मीर का नहीं, बल्कि पाकिस्‍तान के कराची का वीडियो है।

पड़ताल के अगले चरण में हमें 44वें सेकंड में वीडियो में एक बस गुजरती हुई दिखी। उसके ऊपर कराची लिखा हुआ है। बस की तस्‍वीर को आप नीचे देख सकते हैं।

इसके बाद हमने गूगल मैप में पाकिस्‍तान सुप्रीम कोर्ट कीवर्ड सर्च किया। हमें सुप्रीम कोर्ट की कई तस्‍वीरें वहां मिलीं। बता दें कि पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के चार ब्रांच हैं। वायरल वीडियों के एक मिनट आठवें सेकंड में भी सुप्रीम कोर्ट को देखा जा सकता है। गूगल मैप से मिली तस्‍वीर और वायरल वीडियो के फुटेज में हमें कई समानता मिली। गेट के बाहर लगे बैरियर से लेकर दाएं तरफ का पेड़ हमें वायरल वीडियो में भी दिखा और सुप्रीम कोर्ट कराची की ओरिजनल तस्‍वीर में भी। इसके अलावा बिल्डिंग की बनावट भी एक ही है। इसके अलावा वीडियो और तस्‍वीर को ध्‍यान से देखने पर हमें मेन गेट भी एक ही जैसा मिला।

पाकिस्‍तान सुप्रीम कोर्ट के कराची ब्रांच की तस्‍वीर

इससे यह साफ था कि वायरल वीडियो कराची में स्थित सुप्रीम कोर्ट के बाहर बनाया गया था।

कश्‍मीर के नाम पर वायरल हुए फर्जी वीडियो में पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट को देखा जा सकता है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हम Youtube पर गए। वहां कई कीवर्ड टाइप करने के बाद हमें एक वीडियो मिला। GNN न्‍यूज चैनल के इस चैनल पर 9 अगस्‍त 2019 को एक खबर अपलोड की गई थी। खबर में बताया गया कि बिजली के करंट से हुई बच्‍चों की मौतों के लिए इंसाफ के लिए परिवार के लोग सुप्रीम कोर्ट के कराची ब्रांच के सामने जमा हुए थे।

पाकिस्‍तानी न्‍यूज चैनल की खबर में दिख रहे हैं वायरल वीडियो के लोग

इस वीडियो को ध्‍यान से देखने पर हमें वही शख्‍स दिखे, जो कश्‍मीर के नाम पर वायरल हुए वीडियो में दिख रहे थे। तस्‍वीरों में आप इन शख्‍स को देख सकते हैं।

पाकिस्‍तानी न्‍यूज चैनल की खबर में दिख रहे हैं वायरल वीडियो के लोग

इसके बाद हमने जम्‍मू में मौजूद दैनिक जागरण के वरिष्‍ठ संवाददाता राहुल शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि अनुच्‍छेद 370 के हटने के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो और तस्‍वीरें इस झूठ के साथ आगे बढ़ाई जा रही हैं कि ये सभी कश्‍मीर की हैं, जबकि ऐसा नहीं है। उन्‍होंने हमें बताया कि जिस वीडियो को कश्‍मीर में हुए जुल्‍म का बताया जा रहा है, वह पाकिस्‍तान के कराची का है।

जम्‍मू व कश्‍मीर के एडीजीपी (सिक्‍युरिटी) होम एंड लॉ मुनीर खान कहते हैं कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को लेकर मीडिया सेल को एक्टिव किया गया है। फर्जी खबरों पर हमारी लगातार नजर है। हमें जो भी फर्जी पोस्‍ट मिलती है, उसके खिलाफ हम कार्रवाई भी करते हैं।

अब बारी थी उस फेसबुक अकाउंट की जांच की, जिसने कराची के वीडियो को कश्‍मीर के नाम पर वायरल किया। अजाज खान नाम के इस फेसबुक अकाउंट पर अक्‍सर ऐसी पोस्‍ट अपलोड की जाती है, जो वायरल हो रही है।

फर्जी वीडियो वायरल करने वाले फेसबुक यूजर का फेसबुक अकाउंट

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि कश्‍मीर के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। पाकिस्‍तान के कराची में बिजली से करंट से हुई बच्‍चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट के सामने लोगों ने प्रदर्शन किया था। वीडियो उसी घटना का है। इसे अब कश्‍मीर का बताकर वायरल किया गया है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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Symbols that define nature of fake news
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