Fact Check: कानपुर में पुलिस पर पथराव करने की घटना सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे से वायरल

कानपुर में अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस टीम पर छत से पथराव करने वाले युवकों के नाम समीर और कार्तिक हैं। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। 1.19 मिनट के इस वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी छत पर दो युवकों पर लाठियां बरसा रहे हैं, जबकि नीचे एक बुलडोजर खड़ा दिख रहा है। वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुछ मुस्लिमों ने छत से पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाए। इसके बाद पुलिसवालों ने उनको पीटा। इमारत तोड़ने के लिए बुलडोजर भी भेज दिया गया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। कानपुर में छत से पत्थर बरसाने वाले युवक मुस्लिम नहीं हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Deepti Singh Chhabra (आर्काइव ​लिंक) ने 27 अक्टूबर को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

यह वीडियो देखकर आनंदित हो जाओगे,
छत पर कुटाई वाली कार्रवाई और नीचे सङक पर बुलङोजर वाली कार्रवाई
बाबा जी महाराज का अद्भुत न्याय,,
यूपी के कानपुर में कुछ जेहादी मुल्लों ने छत से हिन्दुओं और पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद कुछ बहादुर पुलिस ने बिना सीढी ही छत पर जाकर ———— को पकड़ लिया और जिहादियों पर घूंसे लाठियां बरसा कर उनकी दिवाली हैप्पी कर दी ,और साथ के साथ ही बाबा जी ने उस बिल्डिंग को तोड़ने के लिये बुलडोजर भी तुरंत ही भेज दिये, महाराज के यूपी में कानून का राज चलता है।
यूपी पुलिस की तारीफ की जानी चाहिए। ।

(आपत्तिजनक शब्द को हम यहां नहीं लिख रहे हैं। )

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसे गूगल पर ओपन सर्च किया। इसमें हमें दैनिक भास्कर में 11 दिन पहले छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल वीडियो के कुछ अंश देखे जा सकते हैं। खबर के अनुसार, मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र का है। वहां कोर्ट के आदेश पर पुलिस अवैध कब्जे को हटाने गई थी। इस दौरान दो आरोपियों समीर और कार्तिक ने मकान की छत से पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों युवकों को हिरासत में ​ले लिया। इसके बाद कब्जे पर बुलडोजर चला।

20 अक्टूबर 2022 को ईटीवी भारत में छपी खबर में भी वायरल वीडियो के हिस्से को देखा जा सकता है। इसके मुताबिक, पुलिस टीम कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र में कब्जे की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंची थी। वहां समीर व कार्तिक ने मकान की छत से ईंट—पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस हमले में एक युवक घायल भी हुआ है। पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। युवकों की पिटाई का वीडियो योशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

कानपुर देहात पुलिस (आर्काइव ​लिंक) के ट्विटर अकाउंट पर सीओ भोगिनीपुर की बाइट ट्वीट की गई है। इसमें सीओ कह रही है कि पुखराया में एक अवैध कब्जे को तोड़ने का कोर्ट का आदेश था। वहां गई टीम पर अवैध कब्जा करने वाले युवकों ने पथराव कर दिया था। उनको पकड़ लिया गया है।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के कानपुर देहात के ब्यूरो चीफ चारुतोष से बात की। उनका कहना है, ‘पुलिस पर पथराव करने वाले दोनों युवक हिंदू थे। उनके नाम समीर और कार्तिक हैं। पुलिस वहां अवैध कब्जा हटाने गई थी। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।‘ उन्होंने हमें दैनिक जागरण अखबार में छपी खबर की कटिंग भी भेजी।

वीडियो को गलत दावे से वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘दीप्ति सिंह छबरा‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह लखनऊ में रहती हैं।

निष्कर्ष: कानपुर में अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस टीम पर छत से पथराव करने वाले युवकों के नाम समीर और कार्तिक हैं। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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