मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने और मस्जिद की जमीन को वापस दिलाए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा कमलनाथ का वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और फेक है, जिसे चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें कथित तौर पर मुस्लिमों को मस्जिद वाली जगह ‘वापस दिलाने’ के साथ अनुच्छेद 370 पर ‘पुनर्विचार’ किए जाने का वादा करते हुए सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि कमलनाथ ने चुनाव जीतने के लिए मुस्लिमों का तुष्टिकरण करते हुए इस तरह के वादे किए हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो ऑल्टर्ड है, जिसमें मनगढ़ंत ऑडियो क्लिप को जोड़ा गया है। वायरल वीडियो वास्तव में 2018 में सामने आए कमलनाथ के एक वीडियो का एडिटेड वर्जन है, जिसमें वह मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो क्लिप करीब 30 सेकेंड का है, जिसमें कमलनाथ को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “……मैं बहुत समय से सोच रहा था कि आप लोगों से बात करूं ….इतना पहले समझ लो कि ये बात यहां से बाहर नहीं जानी चाहिए। हमें आपकी सबसे ज्यादा चिंता और फिक्र है….इसलिए कांग्रेस चाहती है कि आप मुस्लिम भाई हमारा साथ दें, ताकि आगे चलकर हम आपके पक्ष में फैसले लें। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि साथ बनाकर रखिए। आपको अपनी मस्जिद वाली जगह भी दिलवा देंगे और 370 भी देखा जाएगा। देखो मैं हर बात खुलकर नहीं बोल सकता….बस इतना समझ लो……।”
सार्वजनिक मंच पर कमलनाथ के भाषण का कई वीडियो उपलब्ध है, जिसे सुनकर यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल क्लिप में मौजूद आवाज उनकी नहीं है।
वायरल वीडियो क्लिप की आवाज कमलनाथ से नहीं मिलती है, जिसकी पुष्टि चुनाव कवर कर रहे नईदुनिया के कई पत्रकारों ने की। नईदुनिया के राज्य ब्यूरो प्रमुख धनंजय प्रताप सिंह ने वायरल क्लिप को फेक बताया, जिसका ऑडियो एडिटेड है। चुनाव कवर कर रहे नईदुनिया के ग्वालियर यूनिट के संपादकीय प्रभारी वीरेंद्र तिवारी ने भी इस वीडियो को फेक बताया।
वायरल वीडियो में कमलनाथ को कुछ मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए इसके की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो कई न्यूज वेबसाइट्स के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड मिला और इसका ऑडियो पूरी तरह से वायरल क्लिप से भिन्न है।
लोकमत हिंदी के यू-ट्यूब चैनल पर चार साल पहले अपलोड किए गए बुलेटिन के मुताबिक, इस वीडियो में कमलनाथ वोटों को लेकर मुस्लिम नेताओं से बात कर रहे हैं। वह कह रहे हैं, “……मैं तो छिंदवाड़ा की बात करूं तो लोग आकर मुझे बता देते हैं। उनके आरएसएस क्योंकि नागपुर से जुड़ा हुआ है…वहां तो उनके लिए सुबह आओ, रात को चले जाओ…..उनके लिए तो बड़ा आसान है। वो उनका एक ही स्लोगन है….अगर हिंदू को वोट देनी है तो हिंदू शेर मोदी को वोट दो। अगर मुसलमान को वोट देनी तो कांग्रेस को वोट दो। केवल दो लाइन और कोई पाठ पढ़ाने नहीं जाते। ये इनकी रणनीति है और इसमें आप सबको बड़ा सतर्क रहना पड़ेगा। आपको उलझाने की कोशिश करेंगे। हम निपट लेंगे इनसे बाद में….लेकिन मतदान के दिन तक आपको सब कुछ सहना पड़ेगा।”
कमलनाथ का यह वीडियो क्लिप कई अन्य न्यूज चैनलों की वेबसाइट्स पर मौजूद है, जिसमें वह मुस्लिम समुदाय के नेताओं से कांग्रेस के पक्ष में एकमुश्त मतदान की अपील कर रहे हैं।
यह वीडियो क्लिप नवंबर 2018 का है और इसी वीडियो क्लिप को एडिट कर इसमें अनुच्छेद 370 को हटाने और मस्जिद वाली जमीन को वापस दिलाने का मनगढ़ंत ऑडियो एडिट कर जोड़ दिया गया है।
विश्वास न्यूज 2018 के कमलनाथ के वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। हालांकि, हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि 2018 यानी पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त वायरल हुए कमलनाथ के इस वीडियो क्लिप को एडिट कर उसमें मस्जिद वाली जमीन को ‘वापस दिलाने’ और अनुच्छेद 370 पर ‘पुनर्विचार’ किए जाने का फेक ऑडियो जोड़ दिया गया है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होना है, जिसके नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे।
चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक और फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है। इससे पहले सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक ऐसा ही ऑल्टर्ड वीडियो वायरल हुआ था, जिसे लेकर दावा किया गया था कि उन्होंने चुनाव पूर्व ही हार मान ली है। हमने अपनी जांच में इस वीडियो क्लिप को फेक पाया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के फैसले पर ‘पुनर्विचार’ करने और मस्जिद की जमीन को ‘वापस दिलाए’ जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा कमलनाथ का वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और फेक है, जिसे चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है।
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