Fact Check : ज्योतिरादित्य सिंधिया के 6 साल पुराने वीडियो को कर्नाटक चुनाव से जोड़कर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बजरंग दल के खिलाफ बोलते ज्योतिरादित्य सिंधिया के  वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो एडिटेड है और हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2017 का है। उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नहीं थे, तब वो  कांग्रेस से जुड़े हुए  थे।

Fact Check : ज्योतिरादित्य सिंधिया के 6 साल पुराने वीडियो को कर्नाटक चुनाव से जोड़कर किया जा रहा शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कर्नाटक में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं करने में लगे हुए हैं। कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी कर बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है। इसे लेकर सियासत गरमा गई है, इसी बीच सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वो बजरंग दल के खिलाफ बोलते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को हाल का बताते हुए शेयर किया जा रहा है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो आधा-अधूरा है। इस वीडियो को कर्नाटक के हालिया चुनाव से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो साल 2017 का है। उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नहीं थे, तब वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर विक्रम स्वामी ने 3 मई को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बजरंग दल के लोग देश में नफरत फैलाने, हिंसा का वातावरण बनाने, देश की गुप्त जानकारियां दुश्मन देशों के साथ साझा करने में लिप्त पाए जाते रहे है क्या देश की आत्मा पर चोट करने वाले ऐसे संगठन को पूरे देश में बैन नही किया जाना चाहिए ? भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कुछ यही कह रहे है। कल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ऐसे संगठन की तुलना भगवान बजरंग बली से किया जाना हमारे ईष्टदेव बजरंग बली का अपमान है ! भगवान के अपमान के लिए प्रधानमंत्री को समूचे देश से माफी मांगनी चाहिए!”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। हमें पूरा वीडियो 17 फरवरी 2017 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के अनुसार, यह वीडियो कांग्रेस मुख्यालय में हुई एक प्रेस ब्रीफिंग का है।

असली वीडियो में 8 मिनट 39 सेकेंड से ज्योतिरादित्य सिंधिया के वायरल बयान को सुना जा सकता है, जिसे अब गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। 

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर 18 फरवरी 2017 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “कांग्रेस सांसद एवं प्रवक्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हर व्यक्ति से जुड़ी आंतरिक सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है। केंद्र सरकार आंतरिक सुरक्षा में विफल रही है। कांग्रेस यह मुद्दा हर मंच पर उठाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए। पिछले दिनों मध्य प्रदेश में एटीएस ने आईएसआई नेटवर्क का खुलासा किया है। एटीएस ने 11 लोगों को जासूसी के आरोप में अत्याधुनिक तकनीक से लैस दूरसंचार उपकरणों के साथ पकड़ा है। ये सेना और देश से जुड़ी अन्य सूचनाएं, मूवमेंट, फोटो आदि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी को मुहैया कराते थे।”

अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो काफी पुराना है। 

पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज की स्कैनिंग की। यूजर को 6,319 लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर ने खुद को राजस्थान का रहने वाला बताया है। यूजर सितंबर 2011 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बजरंग दल के खिलाफ बोलते ज्योतिरादित्य सिंधिया के  वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो एडिटेड है और हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2017 का है। उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नहीं थे, तब वो  कांग्रेस से जुड़े हुए  थे।

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