Fact Check: कोरोना वायरस की सजा के तौर पर चीन में नहीं आई बाढ़, जापान सुनामी का वीडियो झूठे दावे से हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो का चीन से कोई लेना-देना नहीं है। ये वीडियो 2011 में जापान में आई सुनामी का है। वायरल हो रहा दावा फेक है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर पानी के तेज बहाव में बहती गाड़ियों का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि चीन ने कोरोना वायरस भेजकर दुनिया को धोखा दिया इसलिए वहां बाढ़ आई। विश्वास न्यूज़ को फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर यह वीडियो फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा झूठा पाया गया है। जापान की सुनामी के एक पुराने वीडियो को चीन और कोरोना वायरस से जोड़ वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ये वीडियो चीन और कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल हो रहा है। Md Nasruddin Nasir नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया है। यूजर ने वीडियो के साथ ट्वीट में लिखा है, ‘चीन ने वायरस भेजकर दुनिया को धोखा दिया अब ऊपर वाला उसे धोखा दे रहा है😷’।

यहां यूजर के ट्वीट को ज्यों का त्यों लिखा गया है। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को देखने के लिए यहां क्लिक करें। इसी दावे के साथ ये वीडियो यूट्यूब पर भी शेयर किया जा रहा है। यूट्यूब वीडियो के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इसके अलावा इस वीडियो को चीन में बाढ़ के बाद बांध और पुल टूटने के दावे के साथ भी शेयर किया गया है। इस दावे से किए गए ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को देखने के लिए यहां क्लिक करें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने InVID टूल से इस वीडियो कीफ्रेम में बांटकर देखा। वीडियो के की फ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें सेम यही तस्वीर सर्च रिजल्ट में जापान सुनामी 2011 के सुझाव से मिली। हमने यूट्यूब पर इस कीवर्ड से सर्च किया। हमें ढेरों पुराने वीडियो मिले। विश्वास न्यूज़ को takuro suzuki नाम के यूट्यूब चैनल पर बिल्कुल वही वीडियो मिला, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को 18 दिसंबर 2011 को अपलोड किया गया है। यानी ये साबित हो गया कि इस वीडियो का चीन या हाल की किसी बाढ़ से कोई लेना-देना नहीं है। इस वीडियो को आप नीचे देख सकते हैं:

इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि पूर्वी जापान में आए भयानक भूकंप के बाद सुनामी आई थी। यह भी जानकारी दी गई है कि इस वीडियो को किसी Ishinomaki gas कंपनी की छत से लिया गया है। आपको बता दें कि Ishinomaki जापान की एक गैस कंपनी है। आगे एक और अड्रेस 2-3-48, Myojincho, Ishinomaki-shi, Miyagi दिया गया है। इस डिस्क्रिप्शन को नीचे शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है:

हमें वायरल वीडियो में 2 मिनट 47 सेकंड पर गैस टैंक जैसी चीजें दिख रही हैं। वायरल वीडियो के उस हिस्से के स्क्रीन शॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है:

वायरल वीडियो में दिख रहे गैस टैंक।

हमने यूट्यूब पर मिले इसी वीडियो के डिस्क्रिप्शन से उठाए गए एड्रेस 2-3-48, Myojincho, Ishinomaki-shi, Miyagi को गूगल मैप पर सर्च किया। हमें IshinomakisMiyagi का स्ट्रीट व्यू मिला, जिसमें ठीक वैसे ही गैस टैंक देखे जा सकते हैं:

इससे यह बात साबित हो गई कि वायरल हो रहा वीडियो दरअसल जापान में 2011 में आई सुनामी का है। इस वीडियो को जापान की गैस कंपनी Ishinomaki gas की इमारत से बनाया गया है।

हमने इस वायरल वीडियो के संबंध में मध्य प्रदेश के डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन में भूगोल के असिस्टेंट प्रोफेसर सत्येंद्र सिंह से भी बात की। सत्येंद्र सिंह ने बताया, ‘2011 में जापान में काफी तीव्र भूकंप आया था। तीव्र भूकंप के कारण सुनामी की उत्पत्ति बाढ़ का कारण बन गयी। ये वीडियो उसी समय का है।’

हमने इस वीडियो को चीन के साथ जोड़कर ट्वीट करने वाले यूजर Md Nasruddin Nasir की ट्विटर प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल अगस्त 2020 में ही बनाई गई है। फैक्ट चेक किए जाने तक यह प्रोफाइल 83 लोगों को फॉलो कर रही थी, जबकि फॉलोवर्स जीरो थे।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो का चीन से कोई लेना-देना नहीं है। ये वीडियो 2011 में जापान में आई सुनामी का है। वायरल हो रहा दावा फेक है।

False
Symbols that define nature of fake news
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