विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पथराव के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो देहरादून का नहीं, बल्कि जयपुर में जमीनी विवाद से जुड़ी एक घटना का है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दोनो ही पक्ष हिंदू समुदाय से थे। दोनों पक्षों के बीच जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक परिवार को पत्थरों से मारते कुछ लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। घटना को सांप्रदायिक रंग देकर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो देहरादून का है, जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं को पत्थरों से मार-मार कर भागा रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो देहरादून का नहीं, बल्कि जयपुर में जमीनी विवाद से जुड़ी एक घटना का है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दोनो ही पक्ष हिंदू समुदाय से थे। दोनों पक्षों के बीच जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है।
फेसबुक यूजर रोहित चौहान ने 15 अप्रैल 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “हो गया आरम्भ उत्तराखंड में भी जिहादी आतंक का भागो हिन्दुओ कहा तक भागोगे* *देहरादून ,लोहिया नगर का वीडियो है* ये हिन्दुओं को भगा भगा कर मार रहे है जिहादी हिन्दुओ सर फाड़ रहे हैं….सबको कटना है, वैसे भी देहरादून का हिन्दू बहुत गहरी नींद में सो रहा है ये सोच कर की हमारे साथ कुछ नही होगा, पर याद रहे ये जिहादी आतंकी आग छोड़ेगी किसी को नही, हम जैसे कुछ पागल रोज जगाने में लगे हैं इस मूर्ख कौम को पर हमें बेबकुफ़ ओर पागल समझा जाता है जब हम इसी खतरे से जगाने का प्रयास करते हैं खूब कमाओ आज धन सब 5 साल बाद इन्ही के काम आना तय है क्योंकि उत्तराखंड जिहादियो के पूर्ण टारगेट पर है , *कब तक बचाएगी तुम्हे पुलिस और मोदी, योगी,शाह* *अगर आज एक न हुए तो ये तो मात्र ट्रेलर है देख लो पूरी फिल्म कैसी होगी, जल्द ही उत्तराखंड फाइल भी बनेगी जैसे कश्मीर फाइल बनी @A.S हिन्दू एकता।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी रिपोर्ट (आर्काइव लिंक )इंडिया टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो रिपोर्ट को 9 अप्रैल 2024 को अपलोड किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो जयपुर के सांगानेर इलाके में हुई घटना का है। जहां पर 4-5 लोगों को पत्थर मारे गए और खदेड़ा गया।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) एनडीटीवी की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 9 अप्रैल 2024 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना जमीन को लेकर हुए विवाद की है। पीड़ित का नाम शंकर सुईवाल है। उनका आरोप है कि भरतपुर के बयाना निवासी सुभाष चंद और नंद किशोर उनकी 16 बीघे पुश्तैनी जमीन को हड़पना चाहते हैं। घर पर जब महिलाएं थी उस समय 50-60 लोग जमीन पर कब्जा करने के लिए घर पर आए। उन्होंने पहले महिलाओं के साथ बदतमीजी की फिर पथराव करना शुरू कर दिया। जब वह और उनके अन्य परिवार वाले वहां पर पहुंचे। तो उन्होंने उन पर भी पथराव करना शुरू कर दिया। इस घटना में चार लोग घायल हुए थे, जिनमें दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे।
पत्रिका की वेबसाइट पर 8 अप्रैल 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के अनुसार, इस विवाद को लेकर सुपरिन्टेंडेंट ऑफ पुलिस विनोद शर्मा का कहना है कि दोनों पक्षों में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। शांति भंग करने के मामले में सुभाष चंद्र व नंदकिशोर सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पक्षों के बीच जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है।
अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखें.
हमने अधिक जानकारी के लिए दैनिक जागरण जयपुर के वरिष्ठ संवाददाता नरेंद्र शर्मा से भी संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह करीब एक हफ्ते पहले जयपुर के सांगानेर इलाके में हुई घटना का वीडियो है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दोनों ही पक्ष हिंदू समुदाय से हैं। जमीन विवाद को लेकर यह घटना हुई थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। दोनों ही पक्ष जमीन पर अपना हक बता रहे हैं।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को गाजियाबाद का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पथराव के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो देहरादून का नहीं, बल्कि जयपुर में जमीनी विवाद से जुड़ी एक घटना का है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दोनो ही पक्ष हिंदू समुदाय से थे। दोनों पक्षों के बीच जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है।
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