विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट के दावे की जांच की। यह पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुआ। आरबीआई की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म और वॉट्सऐप ग्रुप्स पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देश के नाम पर फर्जी पोस्ट वायरल की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि बैंक पासबुक के आखिरी पन्ने पर गीता का सार प्रिंट करवाएं। इसे सच मानकर यूजर्स वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट के दावे की जांच की। यह पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुआ। आरबीआई की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
फेसबुक यूजर संतोष खारवार ने 13 फरवरी को एक पोस्ट करते हुए दावा किया, ‘आरबीआई का सभी बैंकों को निर्देश पासबुक के आखिरी पन्ने पर प्रिंट करवाएं गीता सार तुम क्या लेकर आए थे आज तुम्हारा है कल किसी और का था परसों किसी और का हो जाएगा.!!’
पोस्ट में इस्तेमाल की गई इमेज में लिखा गया, ‘आर.बी.आई का सभी बैंकों को निर्देश। पासबुक के आखिरी पन्ने पर प्रिंट करवाएं गीता सार। तुम क्या ले के आए थे, क्या ले के जाओगे। क्यों रोते हो, तुम्हारा क्या था जो खो गया। जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं दिया। जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का था। परसों किसी और का हो जाएगा।’
पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने आरबीआई के निर्देश के नाम पर वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल की मदद ली। यहां सर्च करने पर हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो दावे की पुष्टि करते हुए यह बताती हो कि आरबीआई ने बैंकों को यह निर्देश दिया है कि पासबुक के पीछे गीता सार छापना होगा।
सर्च से हमें पता चला कि यह पोस्ट पिछले कई सालों से वायरल है। सर्च के दौरान हमें केंद्र सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के फैक्ट चेक हैंडल पर एक पुराना ट्वीट मिला। इसे 23 दिसंबर 2020 को किया था। इस ट्वीट में वायरल पोस्ट को फेक बताते हुए लिखा गया कि आरबीआई ने बैंकों के लिए यह निर्देश जारी नहीं किया है।
आरबीआई यदि ऐसे कोई ऑर्डर की घोषणा करता तो वह जरूर उसकी वेबसाइट पर होता। हमने वहां भी गीता सार को लेकर निर्देश को खोजने की कोशिश की। सर्च में ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए आरबीआई प्रवक्ता से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। यह पिछले कई सालों से वायरल है। आरबीआई की ओर से ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर संतोष खारवार की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर को पांच हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यह बिहार के सिवान का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट में किया गया दावा फर्जी साबित हुआ। आरबीआई की ओर से गीता के सार को लेकर बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
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