म्यांमार से मणिपुर में अवैध घुसपैठ के दावे के साथ वायरल वीडियो ईरान का है। वायरल वीडियो का म्यांमार या मणिपुर से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मणिपुर में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर कई फर्जी और भ्रामक वीडियो व तस्वीरें भड़काऊ दावे के साथ वायरल हो चुके हैं। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। इसमें महिलाओं और पुरुष को छोटे बच्चों के साथ पहाड़ी के दुर्गम रास्ते पर चलते देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि ये लोग म्यांमार से चोरी-छुपे मणिपुर में दाखिल हो रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो का म्यांमार कोई संबंध ही नहीं है। यह वीडियो ईरान के खानाबदोशों का है, जो दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर चलकर अपनी जिंदगी बसर करते हैं।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर्स ने इस वीडियो को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
फेसबुक यूजर ‘अनंत गांधी‘ (आर्काइव लिंक) ने 11 अगस्त को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“म्यान्मार से मणिपुर का चोर रास्ता…
कैसे अपनी जान बचाने जान की बाजी लगा के #भारत मे ये लोग आते है…“
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स निकालकर उन्हें यांडेक्स रिवर्स इमेज से सर्च किया। सर्च में हमें यूट्यूब चैनल DENA पर वायरल वीडियो से मिलता-जुलता वीडियो मिला। 14 फरवरी 2023 को अपलोड करीब एक घंटे के इस वीडियो में वायरल वीडियो में नजर आ रहे लोगों को देखा जा सकता है। इसमें बच्चों के साथ-साथ महिला और पुरुष पहाड़ी के खतरनाक रास्तों से गुजरते दिख रहे हैं। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि ईरान के खानाबदोशों की जिंदगी पर एक डॉक्युमेंट्री।
इसी यूट्यूब चैनल पर इसी तरह के कुछ और वीडियो भी देखे जा सकते हैं। इनके डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि ईरानी खानाबदोश बच्चों को ले जाने के लिए स्थानीय बैकपैक का उपयोग करते हैं। वे अपने बच्चों को पालने में लेटाकर अपनी पीठ पर बांधते हैं और कठिन रास्तों को पार करते हैं। इस फिल्म में हम दिखाते हैं कि खानाबदोश बच्चे कैसे चलते हैं।
यूट्यूब चैनल पर ही 12 मार्च 2023 को अपलोड एक वीडियो में वायरल वीडियो के हिस्सों को देखा जा सकता है। यह वीडियो 42 मिनट से ज्यादा का है। इसके डिस्क्रिप्शन में भी इस वीडियो को ईरानी खानाबदाशों का बताया गया है।
इसमें और वायरल वीडियो में नजर आ रहे बच्चे और अन्य लोग एक ही हैं। यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो काफी साफ है।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने ईरानी खानाबदोशों की जिंदगी पर डॉक्युमेंट्री अपलोड करने वाले यूट्यूब चैनल DENA से संपर्क किया। उनका कहना है, “यह ईरान है और ये जाग्रोस की ढलानें हैं।” मतलब इसका म्यांमार या मणिपुर से कोई संबंध नहीं है।
25 जुलाई को आजतक की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट में लिखा है, “मणिपुर में दो समुदायों के बीच जारी हिंसा के बीच वहां घुसपैठ की सूचना मिली है। मणिपुर सरकार ने चिंता जताते हुए कहा है कि मणिपुर में असम राइफल्स ने 718 शरणार्थियों की घुसपैठ करने की रिपोर्ट दी है। मणिपुर सरकार ने इसे संवेदनशील बताया है। असम राइफल्स अथॉरिटी से इस बारे में डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है। राज्य में मई से जारी हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।”
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। फेसबुक पर दिसंबर 2010 से जुड़े यूजर अहमदाबाद में रहते हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
इससे पहले भी मणिपुर हिंसा के नाम से कई फर्जी व भ्रामक पोस्ट वायरल हुई थी। विश्वास न्यूज ऐसी कई पोस्ट की जांच कर उनकी सच्चाई सामने ला चुका है। फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: म्यांमार से मणिपुर में अवैध घुसपैठ के दावे के साथ वायरल वीडियो ईरान का है। वायरल वीडियो का म्यांमार या मणिपुर से कोई संबंध नहीं है।
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