Fact Check: आईपीएस अधिकारी की फोटो मनगढ़ंत कहानी के साथ की जा रही शेयर

वायरल फोटो आईपीएस आनंद वीरेश कलादगी की है, जो इस समय नेशनल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे हैं। उनकी फोटो को मनगढ़ंत कहानी के साथ पोस्ट किया जा रहा है। जिस टि्वटर अकाउंट से यह फेक पोस्ट हुई है, वह डिलीट हो चुका है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपीएससी—2021 का रिजल्ट आने के बाद सोशल मीडिया पर एक फोटो काफी वायरल हो रही है। इसमें एक शख्स व्हीलचेयर पर बैठा हुआ है। फोटो पोस्ट करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अंकित का 2018 में एक्सीडेंट होने के बाद घुटने के पास से पैर काटना पड़ा था। इसके बाद लोगों ने उसका फोन नंबर तक ब्लॉक कर दिया था। जिस लड़की ने शादी करने का वादा किया था, उसने एक दिव्यांग से शादी करने से मना कर दिया। यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद लोग अब साथ में होने की बात कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल फोटो आईपीएस आनंद कलादगी की है, न कि किसी अंकित की। उनके फोटो के साथ वायरल दावा गलत है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर ‘हिंदू समाज पार्टी‘ (आर्काइव लिंक) ने 1 जून को फोटो शेयर करते हुए लिखा,
दुनिया बड़ी स्वार्थी है…2018 में जब एक्सीडेंट में घुटने के पास से पैर कटा तो लोगों ने फोन में नंबर ब्लॉक कर दिया कही मदद न मांग ले। जिस लड़की ने प्यार किया शादी की कसम खाई थी रिश्ता तोड़ दिया बोली मैं दिव्यांग से शादी नहीं कर सकती अभी UPSC IAS का रिजल्ट आया तो सब बोल रहे साथ में हूं…
बधाई हो अंकित… आपके संघर्ष को सलाम, आप कितनों के प्रेरणा स्रोत हैं।
दुनिया में सब स्वार्थी है ।।

फेसबुक यूजर India First (आर्काइव लिंक) ने एक स्क्रीनशॉट शेयर करके इससे मिलता-जुलता दावा किया।

पड़ताल

वायरल फोटो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले स्क्रीनशॉट में दिख रही ट्विटर आईडी @IFSANKIT96 को सर्च किया। यह ट्विटर अकाउंट डिलीट किया जा चुका है। मतलब यह संदिग्ध है।

ट्वीट की पड़ताल के लिए हमने इसको सर्च किया। इसमें हमें इसका कैशे वर्जन मिला। इसकी प्रोफाइल में लिखा है, Career Diplomate, United Nations।

यूपीएससी—2021 के रिजल्ट में हमें 89वी रैंक पर अंकित कुमार चौकसी, 472 पर अंकित सिन्हा, 594 पर अंकित सिंह और 667 पर अंकित बड़ाइक के नाम मिले। हालांकि, हमें इनसे संबंधित कोई भी वायरल दावा नहीं मिला।

हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर यह फोटो मिली। 21 अक्टूबर 2020 को इसे ट्वीट किया गया है। इसके साथ में कुछ फोटो और भी पोस्ट की गई है। इनमें एक फोटो में युवती को आंख पर पट्टी बांधे और एक फोटो में युवक को बैसाखी पकड़े हुए देखा जा सकता है। इसके साथ में लिखा है कि 95वें फाउंडेशन कोर्स के ट्रेनी अधिकारियों के लिए ‘दिव्यांगजन’ के अधिकारों पर गतिविधि और चर्चा।

अधिक सर्च करने पर हमें आईपीएस आनंद कलादगी का इंस्टाग्राम अकाउंट मिला। इस पर अपलोड की गई फोटो से हमें वायरल फोटो मिलती-जुलती दिखी। इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने आनंद कलादगी से बात की। उनका कहना है, ‘वायरल फोटो मेरी है। यह फोटो उनकी ट्रेनिंग के दौरान की थी। उसमें दिव्यांगों को होने वाली परेशानी का अनुभव कराने के लिए यह ट्रेनिंग दी जाती है। कुछ प्रशिक्षुओं को आंखों पर पट्टी भी बांधी गई थी। सोशल मीडिया पर उनकी फोटो को गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है। एक्सीडेंट जैसी कहानी मनगढ़ंत है। ऐसा कुछ भी नहीं है।‘ आनंद इस समय राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

आईपीएस अधिकारी की फोटो गलत दावे से शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘हिंदू समाज पार्टी‘ को हमने स्कैन किया। 9 जून 2019 को बने इस पेज को 18 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: वायरल फोटो आईपीएस आनंद वीरेश कलादगी की है, जो इस समय नेशनल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे हैं। उनकी फोटो को मनगढ़ंत कहानी के साथ पोस्ट किया जा रहा है। जिस टि्वटर अकाउंट से यह फेक पोस्ट हुई है, वह डिलीट हो चुका है।

False
Symbols that define nature of fake news
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