विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में पता चला कि ये दावा गलत है। तस्वीर में मौजूद महिला इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति हैं, न कि पारले जी गर्ल। पारले जी प्रोडक्ट्स के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर ने कहा “पारले जी के कवर पर मौजूद बच्चा सिर्फ एक चित्रण है जिसे 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था।”
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल 2 तस्वीरों के एक कोलाज में एक तरफ एक महिला को और दूसरी तरफ जाने माने बिस्कुट ब्रांड पारले जी बिस्कुट के पैकेट को देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में मौजूद महिला पारले जी के कवर पर मौजूद बच्ची हैं। और इस तस्वीर को तब खींचा गया था जब वे 1 साल की थीं। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा गलत है। तस्वीर में मौजूद महिला इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति हैं और उनका पारले जी कवर गर्ल से कोई लेना-देना नहीं है।
वायरल पोस्ट (archive) में कोलाज को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में मौजूद महिला पारले जी गर्ल हैं। फोटो के साथ लिखा है “THE PARLEG GIRL PICTURE WAS CLICKED WHEN SHE WAS 1 YEAR 2 MONTH OLD. DON’T PASS WITHOUT A HEART..” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “पारले-जी बिस्किट गर्ल के फोटो को तब खींचा गया था जब वो 1 साल और 2 महीने की थी।।”
हमने सबसे पहले इस कोलाज में से महिला की तस्वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमारे सामने वायरल तस्वीर में मौजूद महिला की बहुत-सी तस्वीरें निकल के आईं। ये तस्वीरें इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति की थीं। सुधा मूर्ति एक जानी मानी शख़्सियत हैं।
ढूंढ़ने पर भी हमें कहीं भी सुधा मूर्ति के पार्ले जी गर्ल होने की कोई कनफर्म्ड रिपोर्ट नहीं मिली।
हमें ढूंढ़ने पर 2013 में economictimes.indiatimes.com में छपा एक आर्टिकल मिला जिसमें लिखा था कि पार्ले जी कंपनी ने बताया है कि बिस्कुट के कवर पर मौजूद बच्ची कोई असली बच्ची नहीं, बल्कि एक रचनात्मक चित्रण है जिसे एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था।
ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने पारले जी प्रोडक्ट्स के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर मयंक शाह से बात की जिन्होंने कहा “पार्ले जी के कवर पर मौजूद बच्चा सिर्फ एक चित्रण है जिसे 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था। ये किसी की तस्वीर नहीं है।”
साफ़ है कि पारले जी के कवर पर मौजूद बच्ची सिर्फ एक चित्रण है जिसे 60 के दशक में एक क्रिएटिव कंपनी द्वारा बनाया गया था।
कौन हैं सुधा मूर्ति?
सुधा मूर्ति इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन होने के साथ-साथ एक लेखक और सोशल एक्टिविस्ट भी हैं। उन्होंने अभी तक कन्नड़, मराठी और अंग्रेजी भाषाओँ में 20 से भी अधिक किताबें पब्लिश की हैं। उनके बारे में ज़्यादा जानकारी जागरण जोश की इस खबर में पढ़ी जा सकती है।
क्या है पार्ले जी?
Parle-G भारत में Parle Products द्वारा निर्मित बिस्कुट का एक ब्रांड है। इस बिस्कुट को 1939 से कंपनी द्वारा बनाया और बेचा जा रहा है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार 2003 में नीलसन द्वारा पारले-जी को दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट ब्रांड घोषित किया गया था।
इस तस्वीर को dazing_facts नाम के एक इंस्टाग्राम पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पेज के कुल 28.4K फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में पता चला कि ये दावा गलत है। तस्वीर में मौजूद महिला इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति हैं, न कि पारले जी गर्ल। पारले जी प्रोडक्ट्स के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर ने कहा “पारले जी के कवर पर मौजूद बच्चा सिर्फ एक चित्रण है जिसे 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था।”
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