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Fact Check: इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति की तस्वीर एक बार फिर पारले जी गर्ल के नाम से वायरल

हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये वायरल दावा गलत है। तस्वीर में मौजूद महिला इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति हैं, न कि पारले जी गर्ल। हमने पड़ताल में पाया कि पारले जी के कवर पर मौजूद बच्चा सिर्फ एक चित्रण है, जिसे 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था। ये किसी की तस्वीर नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति की तस्वीर के साथ पारले जी बिस्किट  का पैकेट देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में मौजूद महिला (सुधा मूर्ति) पारले जी के कवर पर मौजूद बच्ची हैं, जब वे 4 वर्ष की थीं।

विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल की तो पाया कि ये दावा गलत है। तस्वीर में मौजूद महिला इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति हैं और उनका पारले जी कवर गर्ल से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

Global knowledge, history, culture and good thoughts नाम के फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को  2 फरवरी को शेयर किया, जिसमें लिखा था  “DID YOU KNOW? This Parle-G Girl picture was Clicked when she was 4 Year 3 Months Old..” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “क्या आप जानते हैं? पारले-जी गर्ल की यह तस्वीर तब खींची गई थी जब वह 4 साल 3 महीने की थी।।”

पड़ताल

यह पोस्ट एक बार पहले भी 2019 में वायरल हुई थी। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। उस समय हमने वायरल पोस्ट में मौजूद महिला की तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया था, तो हमारे सामने वायरल तस्वीर में मौजूद महिला की बहुत-सी तस्वीरें निकल के आईं थीं। ये तस्वीरें इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति की थीं।

सुधा मूर्ति की  प्रोफाइल नीचे देख सकते हैं । ढूंढ़ने पर हमें कहीं भी सुधा मूर्ति के पारले जी गर्ल होने की कोई कन्फर्म्ड  रिपोर्ट नहीं मिली।

हमें ढूंढ़ने पर 2013 में economictimes.indiatimes.com में छपा एक आर्टिकल मिला, जिसमें लिखा था कि पारले  जी कंपनी ने बताया है कि बिस्किट  के कवर पर मौजूद बच्ची कोई असली बच्ची नहीं, बल्कि एक रचनात्मक चित्रण है, जिसे एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था।

ज्यादा पुष्टि के लिए हमने पारले जी प्रोडक्ट्स के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर मयंक शाह से बात की थी, जिन्होंने हमें बताया था: “पारले जी के कवर पर मौजूद बच्चा सिर्फ एक चित्रण यानी ग्राफिक है, जिसे 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था। ये किसी की तस्वीर नहीं है।”

कौन हैं सुधा मूर्ति?

सुधा मूर्ति इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन होने के साथ-साथ एक लेखक और सोशल एक्टिविस्ट भी हैं। उन्होंने अभी तक कन्नड़, मराठी और अंग्रेजी भाषाओं  में 20 से भी अधिक किताबें पब्लिश की हैं। उनके बारे में ज़्यादा जानकारी जागरण जोश की इस खबर में पढ़ी जा सकती है।

क्या है पारले जी?

Parle-G भारत में Parle Products द्वारा निर्मित बिस्किट  का एक ब्रांड है। इस बिस्किट  को 1939 से कंपनी द्वारा बनाया और बेचा जा रहा है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, 2003 में नीलसन द्वारा पारले-जी को दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट ब्रांड घोषित किया गया था।

इस तस्वीर को Global knowledge, history, culture and good thoughts  नाम के एक फेसबुक पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पेज के कुल 3,600 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये वायरल दावा गलत है। तस्वीर में मौजूद महिला इन्फ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति हैं, न कि पारले जी गर्ल। हमने पड़ताल में पाया कि पारले जी के कवर पर मौजूद बच्चा सिर्फ एक चित्रण है, जिसे 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव द्वारा बनाया गया था। ये किसी की तस्वीर नहीं है।

  • Claim Review : This Parle-G Girl picture was Clicked when she was 4 Year 3 Months Old
  • Claimed By : FB page Global knowledge, history, culture and good thoughts
  • Fact Check : झूठ
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