Vishvas News की पड़ताल में दावा भ्रामक निकला। सुधा मूर्ति मठ में सब्जियां नहीं बेच रहीं थीं। असल में, वे स्वेच्छा से सेवा कार्यक्रम में भाग ले रही थीं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज) सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि एन.आर. नारायण मूर्ति की पत्नी और इन्फोसिस की सह-संस्थापक सुधा मूर्ति बेंगलुरु के जयनगर में श्री राघवेंद्र स्वामी मठ में सब्जी बेच रही हैं। Vishvas News की पड़ताल में दावा भ्रामक निकला। सुधा मूर्ति मठ में सब्जियां नहीं बेच रहीं थीं। असल में, वे स्वेच्छा से सेवा कार्यक्रम में भाग ले रही थीं।
क्या है वायरल पोस्ट में
ट्विटर यूजर ‘Surbhi’ एक तस्वीर शेयर की, जिसमें सुधा मूर्ति के आसपास बहुत-सी सब्जियां देखी जा सकती हैं। इस पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा था, “Every year Sudha Murthy, wife of founder Infosys, spends one year selling vegetables to get rid of Ego. How one doesn’t let money change their values.” एक ही तस्वीर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कमोबेश इसी तरह के दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।
पड़ताल
जब हमने इंटरनेट पर खोज की, तो हमें राघवेंद्र मठ में सुधा मूर्ति द्वारा स्वेच्छा से सेवा कार्यक्रम में भाग लेने की रिपोर्ट मिली।
टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख के अनुसार, “साल में तीन दिन, सुधा मूर्ति… सुबह 4 बजे उठती है और राघवेंद्र स्वामी मंदिर में जाती है। इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति, रसोई और आस-पास के कमरों की सफाई करती हैं; गंदे बर्तनों को धोती हैं, अलमारियों को धोती हैं, सब्जियों को काटती हैं, इन्वेंट्री स्टॉक लेती हैं, यार्ड में झाड़ू लगाती हैं, और कचरे का डब्बा भी खाली करती हैं।”
हालांकि, हमें कहीं भी मूर्ति द्वारा सब्जी बेचने के बारे में कोई खबर नहीं मिली।
हमने Google रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग करके इस तस्वीर को ढूंढा तो हमें यह तस्वीर 2016 में पब्लिश्ड एक कन्नड़ वेबसाइट वनइंडिया पर एक लेख में मिली। खबर के अनुसार, वे सब्जियां नहीं बेच रही थीं, लेकिन आराधना महोत्सव के दौरान तीन दिनों के लिए स्टोर मैनेजर के रूप में स्वेच्छा से काम कर रही थीं।
हमने पुष्टि के लिए जयनगर, बेंगलुरु में श्री राघवेंद्र स्वामी मठ के प्रबंधक वाडेन्द्रचर आर के से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “श्रीमती मूर्ति सब्जी नहीं बेच रही थीं। वायरल दावा फर्जी है। अराधना महोत्सव के दौरान वह सब्जियों को छांटने में मदद कर रही थीं।
इस पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाली ट्विटर उपयोगकर्ता सुरभि का ट्विटर अकाउंट अगस्त 2018 से सक्रिय है और इसके 4,191 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: Vishvas News की पड़ताल में दावा भ्रामक निकला। सुधा मूर्ति मठ में सब्जियां नहीं बेच रहीं थीं। असल में, वे स्वेच्छा से सेवा कार्यक्रम में भाग ले रही थीं।
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