Fact Check: क्लासरूम में छात्रा की पिटाई का वीडियो इंडोनेशिया का है, भारत का नहीं

इंडोनेशिया के तीन साल से ज्यादा पुराने वीडियो को भारत से जोड़कर गलत सांप्रदायिक और भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। यह घटना फरवरी 2020 में इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा में हुई थी।

Fact Check: क्लासरूम में छात्रा की पिटाई का वीडियो इंडोनेशिया का है, भारत का नहीं

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। क्लासरूम में छात्रा की पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है। इसमें एक छात्रा को पीटते तीन लड़कों को देखा जा सकता है। वीडियो में छात्रा रोती दिख रही है। यूजर्स इसे सांप्रदायिक और भड़काऊ दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। यूजर्स इसे भारत से जोड़कर दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो ऐसे कॉलेज का है, जहां हिंदू और मुस्लिम एकसाथ पढ़ते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो इंडोनेशिया का है और तीन साल से ज्यादा पुराना है। इसका भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कुछ यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

फेसबुक यूजर ‘तौसिफ खटीक‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 20 सितंबर को 29 सेकंड के वीडियो को वायरल कर लिखा,

ये किसी कॉलेज का वीडियो है , और ये ऐसा कॉलेज है जहां हिंदू लड़के लड़कियां साथ पढ़ाई करते हैं ,
यहां देखिए हिजाब वाली लड़कियों के साथ कैसा बर्ताओ करता है संघी मानसिकता वाले लड़के , किया अब भी आप अपनी बहन बेटी का एडमिशन ऐसे कॉलेज में करना पसंद करेंगे जहां हिंदू लड़के लड़कियां साथ पढ़ाई करते हैं

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसका कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इंडोनेशिया की वेबसाइट ट्रिब्यून सिरेबॉन पर हमें इससे संबंधित खबर मिली। 13 फरवरी 2020 को छपी इस खबर में वायरल वीडियो का एक कीफ्रेम देखा जा सकता है। इसमें लिखा है, “पुरवोरेजो के एक निजी जूनियर हाईस्कूल की क्लास में तीन छात्रों द्वारा एक छात्रा को धमकाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह घटना मुहम्मदियाह नीड मिडिल स्कूल, पुरवोरेजो, सेंट्रल जावा में हुई है। पुरवोरेजो पुलिस ने घटना की पुष्टि की है।”

डेटिक न्यूज की वेबसाइट पर भी इस खबर को देखा जा सकता है। 13 फरवरी 2020 को छपी खबर में लिखा है, “पुलिस ने मध्य जावा के पुरवोरेजो में जूनियर हाई स्कूल की क्लास में एक छात्रा को मारने का वीडियो वायरल करने वाले तीन छात्रों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता को भी बुलाया है। सेंट्रल जावा के गवर्नर ने भी इस घटना को लेकर मामले पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए पुरवोरेजो रीजेंट एगस बास्टियन को बुलाया था।”

इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा का है। इस बारे में हमने ट्रिब्यून सिरेबॉन न्यूज से मेल के जरिए संपर्क किया। उनका कहना है, “यह वीडियो इंडोनेशिया का है और पुराना है।

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर महाराष्ट्र के जलगांव में रहता है और उसके करीब 1400 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: इंडोनेशिया के तीन साल से ज्यादा पुराने वीडियो को भारत से जोड़कर गलत सांप्रदायिक और भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। यह घटना फरवरी 2020 में इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा में हुई थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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