1948 लंदन ओलंपिक के भारत-फ्रांस मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के आठ खिलाड़ी नंगे पैर मैच खेले थे। उस समय भारतीय खिलाड़ियों को जूते पहनकर खेलने की आदत नहीं थी। इसके अलावा ओलंपिक में खेली भारतीय टीम के कप्तान का नाम तालीमेरान था, न कि शैलेन्द्र नाथ मन्ना।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। 1948 के ओलंपिक में खेले भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी वायरल हो रही है। इसमें भारतीय खिलाड़ियों की एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि 1948 के लंदन ओलंपिक के भारत-फ्रांस फुटबॉल मैच में सभी भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर पूरा मैच खेले थे। उस समय की सरकार ने पैसों की कमी के चलते उनको जूते नहीं दिए थे। उस समय भारतीय टीम के कप्तान शैलेन्द्र नाथ मन्ना थे।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। 1948 के ओलंपिक में भारत-फ्रांस मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के 8 खिलाड़ी नंगे पैर खेले थे, जबकि तीन ने जूते पहने थे। उस समय टीम के कप्तान तालीमेरेन थे, न कि शैलेन्द्र नाथ मन्ना।
फेसबुक यूजर Amit Thakur (आर्काइव लिंक) ने 22 अगस्त को फोटो पोस्ट करते हुए लिखा,
इस तस्वीर को देखने और चिंतन करने के बाद आपको गांधियों से नफरत हो जाएगी… और हां ये तस्वीर तब की है जब नेहरू का कपड़ा और जूता विशेष विमान से आता था…
यह एक तस्वीर है 1948 के ओलंपिक की जो लंदन में हुआ था।
हमारी फुटबॉल टीम ने फ्रांस के साथ मैच 1-1 से बराबर किया था।
हमारे खिलाड़ी इसलिए जीत न सके क्योंकि उनके पास जूते ही नहीं थे ।
और वह नंगे पैर पूरा मैच खेले थे।
जिसके कारण बहुत ही खिलाडियों को दूसरी टीम के खिलाडियों के जूतों से चोट भी लगी थी।
फिर भी मुकाबला बराबरी का रहा।
इस टीम के कप्तान थे शैलेन्द्र नाथ मन्ना। वो विश्व के बेहतरीन खिलाडियों मैं से एक थे।
सरकार ने जूते क्यों नहीं दिए क्योंकि सरकार के पास इतने पैसे भी नही थे।
यह वो वक्त था जब नेहरू के कपड़े पेरिस से ड्राइक्लीन हो कर आते थे।और साहब अपने कुत्ते के साथ प्राइवेट जेट मैं घूमते थे।
नतीजा यह हुआ के फीफा ने 1950 वर्ल्डकप मैं इंडिया को बैन कर दिया क्योंकि बिना जूते के कोई भी टीम मैच नही खेल सकती थी।
फिर कभी भारतीय टीम फीफा वर्ल्ड कप मैं नही गई।
वायरल दावे की जांच के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। thebridge वेबसाइट पर हमें ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के इतिहास पर एक रिपोर्ट मिली। इसमें वायरल इमेज भी मिल गई। वायरल इमेज में तीन भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर दिख रहे हैं, जबकि रिपोर्ट में अपलोड फोटो में एक प्लेयर को जूते पहने भी देखा जा सकता है। इसके अनुसार, आजादी के बाद 1948 में भारत ने लंदन ओलंपिक में अपना अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल डेब्यू किया था। टीम के कप्तान तालीमेरेन एओ (Talimeren Ao) थे। उन्होंने फ्रांस के खिलाफ अपना पहला मैच खेला। वे 2-1 से मैच हार गए। भारतीय टीम के 11 में से 8 खिलाड़ी नंगे पैर मैच खेले थे। रिपोर्ट में भारतीय खिलाड़ियों की एक और फोटो अपलोड की गई है। इसमें भी कुछ खिलाड़ी जूते पहने देखे जा सकते हैं।
footballcounter वेबसाइट पर भी 31 जुलाई 2020 को भारत और फ्रांस के मैच की रिपोर्ट छपी है। इसमें छपी फोटो में भी एक प्लेयर जूते पहने हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह से 15 दिन पहले1948 लंदन ओलंपिक में भारतीय टीम और फ्रांस का सामना हुआ। मैच में भारतीय कप्तान नंगे पैर मुकाबला करने आए।
ओलंपिक्स डॉट कॉम में 3 फरवरी 2022 को छपी रिपोर्ट में लिखा है कि फ्रांस के खिलाफ मैच में ज्यादातर भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर खेले थे। मैच के बाद मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए भारतीय कप्तान तालीमेरेन ने कहा था कि भारत में हम फ़ुटबॉल खेलते हैं, जबकि आप बूटबॉल खेलते हैं।
23 सितंबर 2013 को इंडियन फुटबॉल टीम के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर भी भारत-फ्रांस मैच की फोटो पोस्ट की गई है। इसमें भी एक प्येलर को जूते पहने हुए देखा जा सकता है।
हमें गूगल न्यूजपेपर आर्काइव में 8 मई 1948 का इंडियन एक्सप्रेस का अंक मिला। इसमें 7वें पेज पर ओलंपिक जाने वाली फुटबॉल टीम की खबर मिली। खबर में टीम के सदस्यों के नाम दिए गए हैं। साथ में लिखा है कि मैसूर के खिलाड़ियों को जूते पहनना पसंद नहीं था।
इंडियन एक्सप्रेस के 7 मई 1948 के एडिशन में खबर छपी थी कि ओलंपिक के लिए भारतीय टीम के लिए ट्रायल मैच हुए। इनमें कोलकाला एफसी ग्राउंड पर हुए मैच में सभी खिलाड़ी जूते पहनकर मैदान में उतरे।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश थपलियाल से बात की। उनका कहना है, ‘उस समय हमारे खिलाड़ियों को नंगे पैर मैच खेलने की आदत थी। उनको जूते पहनकर खेलने में काफी असुविधा होती थी। 1948 के ओलंपिक टीम के सदस्य नंदिनी सिंह ने भी कहा है कि उस ओलंपिक में हॉकी का फाइनल मैच फुटबॉल ग्राउंड पर था। भारत-इंग्लैंड के उस मैच में बारिश में मैदान गीला हो गया था, जिस कारण जूते फिसल रहे थे। इसके बाद टीम के कई सदस्यों ने जूते उतारकर मैच खेला था। एक बार फीफा वर्ल्ड कप में हम लगभग क्वालीफाई कर गए थे, लेकिन जूते नहीं पहनने के कारण टीम को खेलने की अनुमति नहीं मिली।‘
पहले भी यह फोटो मिलते-जुलते दावे के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज की रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘अमित ठाकुर‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह पीलीभीत में रहते हैं।
निष्कर्ष: 1948 लंदन ओलंपिक के भारत-फ्रांस मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के आठ खिलाड़ी नंगे पैर मैच खेले थे। उस समय भारतीय खिलाड़ियों को जूते पहनकर खेलने की आदत नहीं थी। इसके अलावा ओलंपिक में खेली भारतीय टीम के कप्तान का नाम तालीमेरान था, न कि शैलेन्द्र नाथ मन्ना।
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