Fact Check: 1948 ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने अपनी स्वेच्छा से नहीं पहने थे जूते
1948 लंदन ओलंपिक के भारत-फ्रांस मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के आठ खिलाड़ी नंगे पैर मैच खेले थे, क्योंकि उस समय भारतीय खिलाड़ियों को जूते पहनकर खेलने की आदत नहीं थी। इसके अलावा ओलंपिक में खेली भारतीय टीम के कप्तान का नाम तालीमेरान था, न कि शैलेन्द्र नाथ मन्ना।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Dec 16, 2023 at 01:50 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर आज कल एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कुछ खिलाडियों को बिना जूतों के फील्ड पर देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर 1948 के ओलंपिक की है, जब भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों को पैसों की कमी के चलते सरकार ने जूते तक नहीं दिए थे। पोस्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि उस समय भारतीय टीम के कप्तान शैलेन्द्र नाथ मन्ना थे।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। 1948 के ओलंपिक में भारत-फ्रांस मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के 8 खिलाड़ी नंगे पैर खेले थे, जबकि तीन ने जूते पहने थे। उस समय टीम के कप्तान तालीमेरेन थे, न कि शैलेन्द्र नाथ मन्ना। खिलाडियों ने जूते इस वजह से नहीं पहने थे, क्योंकि वे जूतों में सहज नहीं थे।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Er Brij Mohan (आर्काइव लिंक) ने 12 दिसंबर को फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “यह एक तस्वीर है 1948 के ओलंपिक की जो लंदन में हुआ था। हमारी फुटबॉल टीम ने फ्रांस के साथ मैच 1-1 से बराबर किया था। हमारे खिलाड़ी इसलिए जीत न सके क्योंकि उनके पास जूते ही नहीं थे । और वह नंगे पैर पूरा मैच खेले थे। जिसके कारण बहुत ही खिलाडियों को दूसरी टीम के खिलाडियों के जूतों से चोट भी लगी थी। फिर भी मुकाबला बराबरी का रहा। इस टीम के कप्तान थे शैलेन्द्र नाथ मन्ना। वो विश्व के बेहतरीन खिलाडियों मैं से एक थे। सरकार ने जूते क्यों नहीं दिए क्योंकि सरकार के पास इतने पैसे भी नही थे। यह वो वक्त था जब नेहरू के कपड़े पेरिस से ड्राइक्लीन हो कर आते थे।और साहब अपने कुत्ते के साथ प्राइवेट जेट मैं घूमते थे। नतीजा यह हुआ के फीफा ने 1950 वर्ड कप मैं इंडिया को बैन कर दिया क्योंकि बिना जूते के कोई भी टीम मैच नही खेल सकती थी। फिर कभी भारतीय टीम फीफा वर्ड कप मैं नही गई।”
पड़ताल
वायरल दावे की जांच करने के लिए हमने सबसे पहले इस फोटो को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। द ब्रिज की वेबसाइट पर हमें ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के इतिहास पर एक रिपोर्ट मिली। इसमें वायरल तस्वीर को भी देखा जा सकता है। वायरल इमेज में तीन भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर दिख रहे हैं, जबकि रिपोर्ट में अपलोड फोटो में एक प्लेयर को जूते पहने भी देखा जा सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, आजादी के बाद 1948 में भारत ने लंदन ओलंपिक में अपना अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल डेब्यू किया था। टीम के कप्तान तालीमेरेन एओ (Talimeren Ao) थे। उन्होंने फ्रांस के खिलाफ अपना पहला मैच खेला। वे 2-1 से मैच हार गए। भारतीय टीम के 11 में से 8 खिलाड़ी नंगे पैर मैच खेले थे। रिपोर्ट में भारतीय खिलाड़ियों की एक और फोटो अपलोड की गई है। इसमें भी कुछ खिलाड़ी जूते पहने देखे जा सकते हैं।
फुटबॉल काउंटर नाम की वेबसाइट पर भी 31 जुलाई 2020 को 1948 के भारत और फ्रांस के मैच की रिपोर्ट छपी है। इसमें छपी फोटो में भी एक प्लेयर जूते पहने हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह से 15 दिन पहले 1948 लंदन ओलंपिक में भारतीय टीम और फ्रांस का सामना हुआ था। मैच में भारतीय कप्तान नंगे पैर मुकाबला करने आए थे।
ओलंपिक्स डॉट कॉम में 3 फरवरी 2022 को छपी रिपोर्ट में लिखा है कि फ्रांस के खिलाफ मैच में ज्यादातर भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर खेले थे। मैच के बाद मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए भारतीय कप्तान तालीमेरेन ने कहा था कि भारत में हम फ़ुटबॉल खेलते हैं, जबकि आप बूटबॉल खेलते हैं।
23 सितंबर 2013 को इंडियन फुटबॉल टीम के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर भी भारत-फ्रांस मैच की फोटो पोस्ट की गई है। इसमें भी एक प्येलर को जूते पहने हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी ऐसे ही एक दावे की पड़ताल की थी। उस समय अधिक जानकारी के लिए हमने वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश थपलियाल से बात की थी। उनका कहना था, ‘उस समय हमारे खिलाड़ियों को नंगे पैर मैच खेलने की आदत थी। उनको जूते पहनकर खेलने में काफी असुविधा होती थी। 1948 के ओलंपिक टीम के सदस्य नंदिनी सिंह ने भी कहा है कि उस ओलंपिक में हॉकी का फाइनल मैच फुटबॉल ग्राउंड पर था। भारत-इंग्लैंड के उस मैच में बारिश में मैदान गीला हो गया था, जिस कारण जूते फिसल रहे थे। इसके बाद टीम के कई सदस्यों ने जूते उतारकर मैच खेला था। एक बार फीफा वर्ल्ड कप में हम लगभग क्वालीफाई कर गए थे, लेकिन जूते नहीं पहनने के कारण टीम को खेलने की अनुमति नहीं मिली।‘
पहले भी यह फोटो मिलते-जुलते दावे के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज की रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘Er Brij Mohan‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह गोरखपुर में रहते हैं। यूजर के 44000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: 1948 लंदन ओलंपिक के भारत-फ्रांस मैच में भारतीय फुटबॉल टीम के आठ खिलाड़ी नंगे पैर मैच खेले थे, क्योंकि उस समय भारतीय खिलाड़ियों को जूते पहनकर खेलने की आदत नहीं थी। इसके अलावा ओलंपिक में खेली भारतीय टीम के कप्तान का नाम तालीमेरान था, न कि शैलेन्द्र नाथ मन्ना।
- Claim Review : 1948 के लंदन ओलंपिक के भारत-फ्रांस फुटबॉल मैच में भारतीय खिलाड़ी सरकार से मदद नहीं मिलने के कारण नंगे पैर पूरा मैच खेले।
- Claimed By : फेसबुक यूजर Er Brij Mohan
- Fact Check : भ्रामक
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