Fact Check: भारतीय संविधान में नहीं है अनुच्छेद 30(A), गलत दावा हो रहा वायरल
भारतीय संविधान में आर्टिकल 30(A) नहीं है। वहीं, आर्टिकल 30 भी भाषा और धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान खोलने और उन्हें चलाने का अधिकार देता है। संविधान में ऐसा कोई भी आर्टिकल नहीं है, जो धार्मिक किताबों की पढ़ाई पर रोक लगाता हो। वायरल दावा गलत है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Mar 25, 2022 at 10:06 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। इसमें दावा किया जा रहा है कि अनुच्छेद 30A स्कूलों में वेद, उपनिषद, गीता और रामायण जैसे ग्रंथ पढ़ाए जाने से रोकता है। इसे समाप्त कर देने के बाद स्कूलों में ग्रंथ पढ़ाए जा सकेंगे। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 30(A) है ही नहीं। वहीं, आर्टिकल 30 अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और उनको चलाने के अधिकार के बारे में है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Karan Kashyap ने एक ग्राफिक्स शेयर करते हुए लिखा,
जय श्री राम…
… फुल सुपर्ट करो मेरे हिंदू भाई
ग्राफिक्स में लिखा है,
कितने लोग चाहते है की अब अनुच्छेद 30A हटा देनी चाहिए… जिससे स्कूलों में वेद, उपनिषद, गीता और रामायण जैसे ग्रंथ पढ़ाए जा सके
फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस तरह का मिलता—जुलता दावा करते हुए पोस्ट की है।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले गूगल के माध्यम से अनुच्छेद 30A के बारे में जानने के लिए सर्च किया। इसमें हमें 1 जून 2020 का jagranjosh का एक आर्टिकल मिला। इसके मुताबिक, संविधान में आर्टिकल 30A नहीं है। संविधान में अनुच्छेद 12 से 35 तक मौलिक अधिकारों की बात करते हैं। अनुच्छेद 30 देश में अल्पसंख्यकों को एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की स्थापना और उन्हें चलाने का अधिकार देता है। इसके तीन सब-सेक्शन हैं (1), (1A) और (2)।
(1) देश में अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स को स्थापित करने और उनको चलाने का अधिकार है।
(1A) अल्पसंख्यकों के द्वारा स्थापित और चलाए जा रहे किसी भी शैक्षणिक संस्थान की प्रॉपर्टी के अनिवार्य अधिग्रहण के लिए कोई भी कानून बनाते समय राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि वह निर्धारित राशि पर दी जाए, जिससे अल्पसंख्यकों के अधिकार कैंसल न हो।
(2) अल्पसंख्यकों द्वारा चलाए जा रहे किसी भी शैक्षणिक संस्थान को आर्थिक सहायता देने के मामले में राज्य सरकार भेदभाव नहीं करेगी
हमने सरकारी वेबसाइट पर जाकर भारतीय संविधान के आर्टिकल 30 के बारे में सर्च किया। इसमें आर्टिकल 30 का कोई भी सब-सेक्शन (A) नहीं है। इसके तीन सब-सेक्शन दिए गए हैं। आर्टिकल 30 अल्पसंख्यक वर्ग द्वारा शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने के अधिकार को बताता है।
इस बारे में मेरठ कोर्ट के वकील सुकुल जे प्रसाद का कहना है, भारतीय संविधान में अनुच्छेद 30(A) नहीं है। आर्टिकल 30 के तीन सब-सेक्शन हैं, (1), (1A) और (2)। अनुच्छेद 30 धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को उनकी पसंद की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अधिकार देता है। इससे स्कूलों में गीता या कोई ग्रंथ पढ़ाए जाने का कोई संबंध नहीं है, बल्कि संविधान में ऐसा कोई आर्टिकल नहीं है, जिसके तहत धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई पर रोक लगती हो।
गलत दावे को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Karan Kashyap की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके अनुसार, वह लखनऊ में रहते हैं। वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
इससे पहले भी इस तरह का वायरल हुआ था। तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: भारतीय संविधान में आर्टिकल 30(A) नहीं है। वहीं, आर्टिकल 30 भी भाषा और धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान खोलने और उन्हें चलाने का अधिकार देता है। संविधान में ऐसा कोई भी आर्टिकल नहीं है, जो धार्मिक किताबों की पढ़ाई पर रोक लगाता हो। वायरल दावा गलत है।
- Claim Review : अनुच्छेद 30A स्कूलों में वेद, उपनिषद, गीता और रामायण जैसे ग्रंथ पढ़ाए जाने से रोकता है।
- Claimed By : FB User- Karan Kashyap
- Fact Check : झूठ
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