सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो भारतीय सेना ने जारी नहीं किया है। सेना की तरफ से जारी वीडियो में लोगों से मणिपुर में शांति स्थापित करके के लिए मदद की अपील की गई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मणिपुर में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें अलग-अलग दावों के साथ वायरल हुए हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में कई पोस्ट फर्जी साबित हुई हैं। अब भारतीय सेना के नाम से एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। 55 सेकंड के इस वीडियो में कई छोटे-छोटे क्लिप मिक्स किए गए हैं। इसको शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने इसे जारी किया है। यूजर्स इसके जरिए विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला है कि भारतीय सेना ने इस वीडियो को जारी नहीं किया है। सेना की तरफ से मणिपुर को लेकर जो वीडियो जारी किया गया था, उसमें दावा किया गया था कि किस तरह मणिपुर में महिलाओं द्वारा उत्पन्न की जा रही रुकावटों के बावजूद वे काम कर रहे हैं। इसे जारी कर सेना ने सभी से शांति स्थापित करने में मदद करने की अपील की थी।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो के साथ दावे को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है। वीडियो में भारतीय तिरंगे और पीएम मोदी के पोस्टर को आग लगाते समेत दुकानों में लूटपाट व पलायन के दृश्यों को दिखाया गया है।
फेसबुक यूजर ‘दर्शन नेगी‘ (आर्काइव लिंक) ने 1 अगस्त को इस वीडियो को शेयर कर लिखा,
“जय भारत जय हिन्दुस्तान
भारतीय सेना ने सबूत के साथ जारी किया मणिपुर का वीडियो.. ये है मणिपुर की हकीकत.. एजेंडा है 2024 का चुनाव.. और कुछ नहीं. नाजायज कमाई वाले सभी लोग मोदी को बाहर करना चाहते हैं.. वीडियो देखें.. स्थानों के साथ.. सेना द्वारा जारी किया गया.. क्योंकि भारतीय मीडिया उनके खिलाफ रिपोर्ट कर रहा था.. Indian army released video of Manipur with proof.. This is the reality of Manipur.. Agenda is 2024 Election.. Nothing else. All with illegitimate earnings want Modi out.. Watch the video.. with locations.. released by Army.. as Indian paid media were reporting against them..“
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। 26 जून 2023 को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, “दो माह से मणिपुर में हिंसा जारी है। कई जगह महिलाओं द्वारा सुरक्षाबल के जवानों को घेरने की खबरें सामने आई हैं। इस बीच भारतीय सेना की तरफ से मणिपुर में शांति स्थापित करने में मदद की अपील की गई है। सेना ने कहा है कि मणिपुर में महिलाएं जानबूझकर सुरक्षाबलों का रास्ता रोककर उनके काम में हस्तक्षेप कर रही हैं। इस तरह का हस्तक्षेप लोगों को बचाने में जुटे सुरक्षाबलों के लिए सही नहीं है। सेना ने अपील की है कि शांति बहाल करने की हमारी कोशिशों का समर्थन करें। सेना ने वीडियो जारी किया है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह मणिपुर में महिलाओं की ओर से पैदा की जा रही रुकावटों के बावजूद वे काम कर रहे हैं।”
भारतीय सेना की स्पीयर कोर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 26 जून 2023 (आर्काइव लिंक) को एक वीडियो जारी कर कहा गया है, “मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्तों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के काम में हस्तक्षेप कर रही हैं। इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप लोगों की जिंदगी और संपत्ति को बचाने के लिए गंभीर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा समय पर की जाने वाली प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक है। भारतीय सेना आबादी के सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है। मणिपुर की मदद के लिए हमारी मदद करें।” 2.14 सेकंड का यह वीडियो वायरल वीडियो से अलग है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने भारतीय सेना के प्रवक्ता सुधीर से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, “यह भारतीय सेना ने जारी नहीं किया है। सेना की तरफ से दूसरा वीडियो जारी किया गया था।“
न्यूज 18 में 3 अगस्त को छपी खबर में लिखा है, “मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जारी हिंसा को तीन माह हो चुके हैं। 3 मई को मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था। इसके बाद भड़की हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।”
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह दिल्ली में रहते हैं और उनके करीब 3100 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो भारतीय सेना ने जारी नहीं किया है। सेना की तरफ से जारी वीडियो में लोगों से मणिपुर में शांति स्थापित करके के लिए मदद की अपील की गई है।
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