Fact Check : हल्द्वानी में रेल पटरियों के किनारे कब्‍जे के नाम पर दिल्‍ली की झुग्गी-झोपड़ियों की तस्‍वीर वायरल

पड़ताल में पता चला कि जिस तस्‍वीर को हल्द्वानी के रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के नाम पर वायरल किया जा रहा है, वह नई दिल्‍ली के सराय रोहिल्‍ला रेलवे स्‍टेशन के पास के झुग्गी-झोपड़ियों की है। यह तस्‍वीर हल्द्वानी से संबंधित नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के नाम पर एक तस्‍वीर को वायरल किया जा रहा है। इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए मुसलमानों पर तंज कसा जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में पता चला कि जिस तस्‍वीर को हल्द्वानी के रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के नाम पर वायरल किया जा रहा है, वह दिल्‍ली के सराय रोहिल्‍ला रेलवे स्‍टेशन के पास के झुग्गी-झोपड़ियों की है। यह तस्‍वीर हल्द्वानी से संबंधित नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज फेस ऑफ सनातन धर्म ने 7 जनवरी को एक पोस्‍ट किया। इसमें एक तस्‍वीर के साथ लिखा गया, ‘बच्‍चे अल्‍लाह की देन हैं और रहने के लिए जमीन रेलवे दे। Haldwani Railway Land Encroachment : रेलवे की जमीन पर रह रहे 4 हजार से ज्‍यादा परिवार, 10 मस्जिदों भी बनाई हैं।’

तस्‍वीर में रेलवे पटरियों के किनारे झुग्‍गी झोपड़ियों को देखा जा सकता है। इसके अलावा पटरियों के पास दो युवतियों को धूप में गेहूं सुखाते हुए भी देखा जा सकता है।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर भी वायरल किया जा रहा है। इस पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने हल्द्वानी के नाम पर वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्‍तेमाल किया। इस तस्‍वीर को इस टूल में अपलोड करके सर्च करने पर हमें हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की वेबसाइट पर यह तस्‍वीर पुरानी तारीख में अपलोड मिली। 14 सितंबर 2020 को एक खबर में इस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए इसे दिल्‍ली के सराय रोहिल्‍ला रेलवे स्‍टेशन के पास के स्‍लम की बताई गई। असली तस्‍वीर को यहां देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, हल्द्वानी के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। 6 जनवरी 2023 के अखबार में हमें एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। खबर में सुप्रीम कोर्ट में हुई कार्यवाही के बारे में भी बताया गया। रेलवे की वकील ऐश्‍वर्या भाटी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यहां पर 4365 अवैध कब्‍जेदार हैं। खबर में आगे यह भी बताया गया कि 50 हजार लोगों को रातोंरात नहीं हटाया जा सकता है। इस खबर को विस्‍तार से नीचे पढ़ा जा सकता है।

सर्च के दौरान हमें इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली। 5 जनवरी 2023 को पब्लिश इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2.2 किलोमीटर के इस इलाके में तीन सरकारी स्‍कूलों के अलावा 11 प्राइवेट स्‍कूल, 10 मस्जिदें, 12 मदरसे और एक मंदिर भी आता है। पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण के हल्द्वानी के चीफ रिपोर्टर गणेश जोशी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने पुष्टि करते हुए बताया कि पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर हल्द्वानी से संबंधित नहीं है।

पड़ताल के अंत में दिल्‍ली की तस्‍वीर को हल्द्वानी की बताकर वायरल करने वाले फेसबुक पेज की जांच की गई। फेस ऑफ सनातन धर्म नाम के इस फेसबुक पेज को 11 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण का बताकर जिस तस्‍वीर को वायरल किया जा रहा है, वह दिल्‍ली के सराय रोहिल्‍ला रेलवे स्‍टेशन के पास की झुग्गी-झोपड़ियों की है।

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