Fact Check : जयपुर में एक साल पहले लगा था भड़काऊ बैनर और नारा, वीडियो अब वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। जयपुर का एक साल पुराना वीडियो अब वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राजस्‍थान की राजधानी जयपुर के नाम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि स्‍वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ पोस्‍टर व बैनर लगाते हुए उन्‍हें सिर तन से जुदा करने की खुली धमकी दी गई है। वीडियो में कुछ लोगों को एक बैनर की तरफ इशारा करते हुए भड़काऊ शब्‍द बोलते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि यह वीडियो पिछले साल अप्रैल का है। स्‍वामी यति नरसिंहानंद ने धर्म विशेष के खिलाफ कुछ टिप्‍पणी की थी। जिसके बाद जयपुर में भी विरोध प्रदर्शन हुआ था। वीडियो उसी दौरान बनाया गया था। जयपुर पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वीडियो को वायरल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रोहित वैष्‍णव ने 18 जुलाई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘जयपुर के घाटगेट पर कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा फिर से एक बार स्वामी नरसिंगानद को सर तन से जुदा करने के खुले आम धमकी दी गई आखिर कब तक यह तालिबानी फरमान वाला कानून की यह लोग पैरवी करते रहेंगे।’

वायरल पोस्‍ट के दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले पोस्‍ट के कमेंट को खंगालना शुरू किया। यहां एक यूजर ने इसे पुराना वीडियो बताया हुआ था। इसी आधार पर जब हमने ट्विटर पर सर्च करना शुरू किया तो जयपुर पुलिस के ट्विटर पर हमें कई रिप्‍लाई मिले। इसे जयपुर पुलिस की ओर से उन यूजर्स को दिया गया, जो वीडियो को वायरल कर रहे हैं। पुलिस की ओर से लिखा गया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जयपुर घाट गेट बाज़ार में अप्रैल 2021 में वीडियो बनाकर वायरल करने की कोशिश की गई। उन पर नियमानुसार कार्यवाही की गई। यह वीडियो समाज में धार्मिक द्वेष, नफ़रत फैलाता है। अतः इस वीडियो को जो फारवर्ड करेगा, वह भी आपराधिक कृत्य के लिए ज़िम्मेदार होगा।

सर्च के दौरान दैनिक जागरण के राष्‍ट्रीय संस्‍करण में एक खबर मिली। यह खबर वायरल वीडियो को लेकर है। 20 जुलाई को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि जयपुर के नाम पर एक वीडियो वायरल हुआ। इस खबर के अनुसार, रामगंज थाने की पुलिस ने इस मामले में पिछले साल आठ लोगों को अरेस्‍ट किया था। जयपुर पुलिस उपायुक्‍त परीश देशमुख ने बताया कि वीडियो अप्रैल 2021 का है। इस वीडियो को अब वायरल करके कुछ लोग अशांति फैलाना चाहते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, जयपुर के वरिष्‍ठ संवाददाता नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि जयपुर के नाम पर वायरल वीडियो एक साल पुराना है। इस केस में कुछ लोगों को अरेस्‍ट भी किया गया था। हाल-फिलहाल में वीडियो जैसी कोई घटना नहीं हुई।

पड़ताल के अंत में जयपुर के पुराने वीडियो को अब शेयर करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर रोहित वैष्‍णव राजस्‍थान के जयपुर के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को एक हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। जयपुर का एक साल पुराना वीडियो अब वायरल किया जा रहा है।

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