विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक साबित हुआ है। वायरल तस्वीर साल 2020 के दौरान उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में हुए दीक्षांत समारोह के आयोजन के दौरान की है। छात्रों-छात्राओं ने दीक्षांत समारोह के लिए भगवा सहित अलग-अलग रंग के स्कार्फ भी पहने थे। वायरल तस्वीर का कर्नाटक हिजाब विवाद से कोई संबंध नहीं है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक लिबास को लेकर छात्रों के समूह आमने-सामने आ गए हैं। मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर हिजाब पर रोक का विरोध कर रही हैं तो वहीं छात्रों का एक समूह भगवा पहनकर स्कूल और कॉलेजों में धार्मिक लिबास पहने जाने का विरोध कर रहे हैं। इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में कुछ बच्चे भगवा स्कार्फ पहनकर सेल्फी लेते हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर कर्नाटक के एक कॉलेज की है। जहां पर बच्चों ने भगवा पहनकर स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक लिबास पहने जाने का विरोध किया है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक साबित हुआ है। वायरल तस्वीर साल 2020 के दौरान उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में हुए दीक्षांत समारोह के आयोजन के दौरान की है। छात्रों-छात्राओं ने दीक्षांत समारोह के लिए भगवा सहित अलग-अलग रंग के स्कार्फ भी पहने थे। वायरल तस्वीर का कर्नाटक हिजाब विवाद से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर Rahul Tyagi Ji ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि कर्नाटक के बच्चों को देखकर अब लगता है कि नई पौध सनातन रक्षा के लिए हमसे ज्यादा सशक्त है, हमसे ज्यादा सचेत है, हमारी भूमिका केवल इतनी ही है कि हम धर्म रक्षा के लिए बच्चों को रोके नही बल्कि प्रेरित करें। हम लाएं हैं तूफान से कश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के। अब बच्चे देश सम्भालने के योग्य हो चुके हैं। जय श्री राम जय जय सनातन धर्म।
यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। फेसबुक यूजर Deepak Shrivastava ने भी ऐसी ही पोस्ट के साथ इस दावे को अपने फेसबुक पर शेयर किया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को जमकर शेयर कर रहे हैं।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें उत्तरांचल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर 29 फरवरी 2020 को प्रकाशित एक ब्लॉग मिला। इस ब्लॉग में उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह के आयोजन की रिपोर्ट दी गई है। यह आयोजन पिछले साल 29 फरवरी को उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम में किया गया था। इस ब्लॉग पोस्ट में तमाम तस्वीरें दी हुई हैं। इनमें मौजूद लोग भगवा के अलावा दूसरे रंगों के गमछे पहने हुए भी दिख रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमने देहरादून दैनिक जागरण के डिप्टी न्यूज एडिटर देवेन्द्र सती की सहायता से उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के प्रिंसिंपल डॉ. राजेश बहुगुणा से संपर्क किया। हमने वायरल तस्वीर को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। तस्वीर उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में दो साल पहले हुए दीक्षांत समारोह के दौरान की है। जिसे अब गलत दावों के साथ लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Rahul Tyagi Ji के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर उत्तराखंड के ज्वालापुर शहर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक साबित हुआ है। वायरल तस्वीर साल 2020 के दौरान उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में हुए दीक्षांत समारोह के आयोजन के दौरान की है। छात्रों-छात्राओं ने दीक्षांत समारोह के लिए भगवा सहित अलग-अलग रंग के स्कार्फ भी पहने थे। वायरल तस्वीर का कर्नाटक हिजाब विवाद से कोई संबंध नहीं है।
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