Fact Check : साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की तस्वीर को भीमा कोरेगांव युद्ध से जोड़कर किया जा रहा वायरल 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में भीमा कोरेगांव युद्ध के सेनिक के नाम पर वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की है।

Fact Check : साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की तस्वीर को भीमा कोरेगांव युद्ध से जोड़कर किया जा रहा वायरल 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक शख्स की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह फोटो साल 1818 में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव युद्ध के एक सैनिक की है। यह योद्धा महार जाति के थे। यह तस्वीर ईस्ट इंडिया कंपनी के सलाहकार डेव्ही जोन्स की डायरी में मिली है। 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर का महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव युद्ध से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Rajeshpasi Pasi ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “भीमा कोरेगांव के युद्ध में 500 शूरवीर योद्धा महार में से एक योद्धा की दुर्लभ तस्वीर।”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर इयान जेम्स नाइट (Ian James Knight) नामक एक फेसबुक अकाउंट पर अपलोड हुआ मिला। तस्वीर को 18 अप्रैल 2019 को शेयर किया गया था। फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है कि यह तस्वीर साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें यह तस्वीर यह तस्वीर फोटोग्राफी कंपनी alamy की वेबसाइट पर पोस्ट हुई मिली। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, “वायरल वी़डियो में नजर आ रहे शख्स साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की है। इनका नाम Ndabuko kaMpande है और इस तस्वीर को 27 जनवरी 2019 को खींचा गया है।”

अधिक जानकारी के लिए हमने भीमा कोरेगांव की लड़ाई पर किताब लिखने वाले एक लेखक रोहन जमादार मालवदकर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। ये तस्वीर ब्लैक एंड व्हाइट जरूर है, लेकिन बिल्कुल साफ है। जबकि साल 1818 में इतनी साफ और क्लियर नजर आने वाली तस्वीर खींच पाना मुमकिन नहीं था और जो लोग इस लड़ाई का हिस्सा थे। उनकी एक यूनिफॉर्म थी और वो इस तरह नहीं दिखते थे।”

एबीपी न्यूज पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “भीमा कोरेगांव की लड़ाई 1 जनवरी 1818 को कोरेगांव भीमा में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पेशवा सेना ‘के बीच लड़ी गई थी। इस लड़ाई की खास बात यह थी कि ईस्ट इंडिया कंपनी के झंडे तले 500 महार सैनिकों ने पेशवा बाजीराव-2 की 25000 सैनिकों की टुकड़ी से लोहा लिया था। उस वक्त महार अछूत जाति मानी जाती थी और उन्हें पेशवा अपनी टुकड़ी में शामिल नहीं करते थे। महारों ने पेशवा से गुहार लगाई थी कि वे उनकी ओर से लड़ेंगे, लेकिन पेशवा ने ये आग्रह ठुकरा दिया था। बाद में अंग्रेजों ने महारों का ऑफर मान लिया, जिसके बाद अंग्रेजों और महारों ने मिलकर पेशवा को हरा दिया।”

गलत पोस्ट शेयर करने वाली फेसबुक यूजर ‘Rajeshpasi Pasi‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। यूजर के तकरीबन 5 हजार मित्र हैं और 397 लोग यूजर को फेसबुक पर फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में भीमा कोरेगांव युद्ध के सेनिक के नाम पर वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर साउथ अफ्रीका के जुलू रियासत के राजकुमार की है।

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