Fact Check: समुद्री जीव की तस्वीर को हिमालय में मिलने वाले नागपुष्प की बताकर किया जा रहा है शेयर

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर नागपुष्प की नहीं, बल्कि एक समुद्री जीव की है। तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर फूल जैसे दिखने वाली एक तस्वीर वायरल की जा रही है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह हिमालय में पाया जाने वाला नागपुष्प है, जो हिमालय में 36 साल में एक बार दिखाई देता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा गलत है। असल में यह तस्वीर नागपुष्प की नहीं है, बल्कि एक समुद्री जीव की है। तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पहले भी यह तस्वीर वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने इसकी जांच कर सच्चाई सामने रखी है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पेज ‘सूर्य की किरण’ ने 16 मार्च को यह पोस्ट शेयर की है और लिखा है, “पुष्प (फूल) दिखने में तो सुंदर होते ही हैं, उसके साथ-साथ अच्छी ख़ुशबू को भी बिखेरते रहते हैं. फूलों को देखा और उनकी खुशबू ग्रहण करने पर हृदय को बड़ा ही आनंद आता हैं। “

पोस्ट के साथ लिखा हुआ है : ‘नागपुष्प’ ये फूल 36 साल में एक बार हिमालय पर्वत पर खिलता है।

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।

पड़ताल

वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान यह तस्वीर हमें seawater.no की वेबसाइट पर वायरल तस्वीर मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक,” ‘सी पेन ‘ समुद्र के भीतर पाए जाने वाले एक प्रकार के जंतु हैं। सामान्य सी पेन 40 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। यह उत्तर-पूर्व अटलांटिक महासागर के साथ-साथ भूमध्य सागर में भी पाए जाते हैं।”

सर्च के दौरान हमें istockphoto.com की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर से मिलती – जुलती कई तस्वीरें मिली। यहां भी इन्हें समुद्री जीव सी पेन बताया गया है। वायरल तस्वीर से मिलती -जुलती तस्वीरों को फोटो एजेंसी Alamy की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।

यह तस्वीर पहले भी समान दावे के साथ वायरल हो चुकी है। तब विश्वास न्यूज़ ने इसकी जांच थी। आप हमारे पहले पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।

वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने सोलन के नौणी स्थित डॉ. वाइएस परमार फॉरेस्ट्री और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. सोम देव शर्मा नेरी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह नागपुष्प नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले पेज जांच। जांच में पता चला इस पेज को 45 हज़ार लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर इस पेज को 24 अगस्त 2012 को बनाया गया है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर नागपुष्प की नहीं, बल्कि एक समुद्री जीव की है। तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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