विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल हो रही तस्वीर अयोध्या की बाबरी मस्जिद की नहीं, बल्कि 2008 की दिल्ली के फिरोज शाह कोटला की जामी मस्जिद की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आज बाबरी मस्जिद विध्वंस की 30वीं बरसी है, इसी के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में एक खंडहरनुमा इमारत में कुछ लोगों को नमाज पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। फोटो को यूजर्स सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर अयोध्या की बाबरी मस्जिद की है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल हो रही तस्वीर अयोध्या की बाबरी मस्जिद की नहीं, बल्कि 2008 की दिल्ली के फिरोज शाह कोटला की जामी मस्जिद की है।
फेसबुक यूजर Muhammad Furqan ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि बाबरी मस्जिद की शहादत और कोर्ट का फ़ैसला दोनों सुनियोजित थे। ये नाइंसाफ़ी रहती दुनिया तक नहीं भुलाई जा सकती। तुम ज़ुल्म और जब्र से वहां कोई भी इमारत बना लो लेकिन वो जगह क़यामत तक हमारे लिए मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी।
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एपी यानि एसोसिएट प्रेस इमेजेज की वेबसाइट पर प्राप्त हुई। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर 9 दिसंबर 2008 कोटला मस्जिद की है, जब बकरीद के दिन लोगों ने नमाज़ अदा की थी। इस तस्वीर को गुरिंदर ओसन नाम के फोटोग्राफर ने खींचा था।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के अयोध्या के ब्यूरो चीफ रामाशरण अवस्थी से संपर्क किया। हमने वायरल तस्वीर को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। तस्वीर का अयोध्या से कोई संबंध नहीं है। साल 2019 में भी यह दावा वायरल हुआ था, उस समय हमने वायरल दावे की पुष्टि के लिए गुरिंदर ओसन से बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था कि ये तस्वीर अयोध्या की नहीं, बल्कि कोटला की है। उस समय मैंने एसोसिएट प्रेस के लिए बकरीद के दिन ये तस्वीर खींची थी।”
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर Muhammad Furqan दिल्ली के रहने वाले हैं और 340 से अधिक लोगों ने फॉलो किया हुआ है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल हो रही तस्वीर अयोध्या की बाबरी मस्जिद की नहीं, बल्कि 2008 की दिल्ली के फिरोज शाह कोटला की जामी मस्जिद की है।
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