विश्वास न्यूज की पड़ताल में लौह स्तंभ की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर कुतुब मीनार के लौह स्तंभ की नहीं, बल्कि राजस्थान के भरतपुर किले में स्थित एक लौह स्तंभ की है, जिसे गलत दावे के साथ कुतुब मीनार से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक स्तंभ की तस्वीर को शेयर कर उसे कुतुब मीनार का लौह स्तंभ बताया जा रहा है। इस तस्वीर को शेयर कर यह भी दावा किया जा रहा है कि कुतुब मीनार को मुगलों ने नहीं, बल्कि हिंदुओं के पूर्वजों ने बनाया था। इसलिए ही इस पर हिंदुओं के नाम लिखे हुए हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर कुतुब मीनार के लौह स्तम्भ की नहीं, बल्कि राजस्थान के भरतपुर किले में स्थित एक लौह स्तम्भ की है। अब जिसे गलत दावे के साथ कुतुब मीनार से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर चन्दन राठौड़ ने वायरल तस्वीर को 20 फरवरी 2023 को शेयर किया है। यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, कुतुबमीनार मुगलों ने बनाया था, सबूत के तौर पर कुतुबमीनार के लोह स्तंभ पर देखो मुगलों के बाप दादाओं के नाम लिखे हैं, विश्वास नहीं हो रहा तो zoom करके देख लो।”
पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर नमस्ते हिस्ट्री इनसाइक्लोपीडिया एक ट्विटर पेज पर मिली। फोटो को 3 मई 2021 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, तस्वीर राजस्थान के भरतपुर किले में स्थित एक लौह स्तम्भ की है।
तस्वीर को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा गया है, भरतपुर किले के लौह स्तंभ की तस्वीर। राजस्थान के भरतपुर के लोहागढ़ किले में इस लौह स्तंभ का निर्माण भरतपुर के जाट शासकों ने किया था। जाट साम्राज्य के महाराजा सूरज मल (1707-1763) ने अपने शासनकाल में इसे बनवाया था। इन्होंने पूरे राज्य में कई किले और महल बनवाए और लोहागढ़ किला सबसे मजबूत किले में से एक है।
पड़ताल के दौरान हमें भरतपुर किले के लौह स्तंभ की कई अन्य तस्वीरे इमेज स्टॉक वेबसाइट अलामी, पिक्सी और फ्लिकर पर अपलोड हुई मिली।
विश्वास न्यूज को वायरल तस्वीर से जुड़े कई वीडियो यूट्यूब पर भी अपलोड हुई मिली। नेहा वीडियो फिल्म प्रोडक्शन नामक एक चैनल ने लोहागढ़ किले को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में लोहागढ़ किले को दिखाया गया है। इस वीडियो में 3 मिनट 16 सेकेंड पर वायरल तस्वीर में नजर आ रहे लौह स्तंभ को देखा जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली पर किताब लिखने वाले लेखक विवेक शुक्ला से संपर्क किया। उन्होंने इस दावे को गलत बताया है। दिल्ली के कुतुब मीनार के लौह स्तंभ इससे काफी अलग और काले रंग के है। उस पर भी कई नाम लिखे हुए हैं, लेकिन वो देवनागरी लिपि में लिखा हुआ है। कुतुब मीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाना शुरू किया था। मगर, वो इसे पूरा नहीं कर पाए थे। इसके बाद इसे उनके परिवारवालों अल्तमश और फिरोजशाह तुगलक ने इसे बनवाया था।
कुतुब मीनार को किसने बनवाया?
हमारी अब तक की पड़ताल में ये साबित होता है कि वायरल तस्वीर का कुतुब मीनार से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया कि कुतुब मीनार को किसने बनवाया है। दिल्ली सरकार की टूरिज्म वेबसाइट के मुताबिक, कुतुब मीनार को 1200 ई में मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक और उसके परिवारवालों ने बनवाया है।
फेक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘चन्दन राठौड़‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह मध्य प्रदेश का रहने वाला है। यूजर को फेसबुक पर 5500 लोग फॉलो करते हैं। यूजर मार्च 2019 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में लौह स्तंभ की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर कुतुब मीनार के लौह स्तंभ की नहीं, बल्कि राजस्थान के भरतपुर किले में स्थित एक लौह स्तंभ की है, जिसे गलत दावे के साथ कुतुब मीनार से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
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