Fact Check : AI की मदद से बनाए गए फूलों की तस्वीर को मनगढ़ंत कहानी के साथ किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक खूबसूरत और अजीबोगरीब  फूलों की तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह फूल बंदर जैसे दिखते हैं। ये फूल हिमालय के पहाड़ों में पाए जाते हैं, जो कि हर 20 साल में एक बार खिलता है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह फूल असली नहीं है। यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग कर बनाई गई है। इसका हिमालय पर खिलने वाले फूलों से कोई संबंध नहीं है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘ताहिर’ ने 12 जुलाई 2023 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, हिमालय में खिलने वाला बंदर जैसा दिखने वाला फूल। ये फूल हर 20 साल में केवल एक बार खिलता है। चमकीले छोटे बंदर। दुनिया सचमुच विशाल और आश्चर्यों से भरी है!

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने ‘हगिंग फेस’ नामक एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया, जो कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से बनाई तस्वीरों के बारे में जानकारी देती ते है। वेबसाइट के मुताबिक, तस्वीर 90 फीसदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से तैयार की गई है।

तस्वीर को रिवर्स इमेज के जरिए सर्च करने पर हमें यह तस्वीर ‘मायगोपेन‘ नामक एक वेबसाइट पर मिली। तस्वीर को 26 जून 2023 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एप्लिकेशन का उपयोग कर बनाया गया है। यहां पर तस्वीरों को बिल्ली जैसे दिखने वाले फूल के रूप में दर्शाया गया है।

‘मायगोपेन’ वेबसाइट को खंगालने पर हमने पाया कि वेबसाइट पर एआई की मदद से बनाई गई इस तरह की कई अन्य तस्वीरें मौजूद हैं। वेबसाइट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की  मदद से बनाई गई बिल्लियों की  कई अन्य तस्वीरें मौजूद हैं। 

पड़ताल के दौरान हमें ‘मायगोपेन‘ वेबसाइट पर वायरल तस्वीर से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में ‘मायगोपेन’ वेबसाइट की तरफ से स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया गया है कि इन तस्वीरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की  मदद से बनाया गया है, जो कि अब गलत दावों के साथ वायरल हो रही हैं।

बंदर के चेहरे जैसे दिखने वाले फूल के बारे में सर्च करने पर हमने पाया कि ड्रैकुला ऑर्किड नामक एक फूल है, जो कि कुछ हद तक बंदर के चेहरे जैसा दिखता है। यह अद्वितीय आर्किड  परिवार का फूल है। इसके स्तंभों, पंखुड़ियों और होंठों की व्यवस्था एक बंदर के चेहरे से मिलती-जुलती है। मुख्य रूप से यह फूल दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने फोटो रिसर्चर अंकित गौतम से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर एआई की मदद से तैयार कर बनाई गई है।”

अंत में हमने तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 387 मित्र हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर पाकिस्तान का रहने वाला है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बंदर जैसे दिखने वाले फूलों की तस्वीर असली फूलों की नहीं है। यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग कर बनाई गई है। इसका हिमालय पर खिलने वाले फूलों से कोई संबंध नहीं है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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