विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा झूठा साबित हुआ है। बाइक पर ऑक्सीजन सपोर्ट लेकर बैठी हुई महिला की यह तस्वीर भारत की नहीं है। हालांकि भारत में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं और देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन किल्लत की खबरें मिल रही हैं, लेकिन हमारी जांच में पता चला है कि यह तस्वीर बांग्लादेश के बारिसल शहर की है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें ऑक्सीजन सपोर्ट लिए हुए एक महिला युवक के साथ बाइक पर बैठी देखी जा सकती है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर भारत की है और इसे व्यवस्था में खामी पर तंज के रूप में शेयर किया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा साबित हुआ है। हालांकि भारत में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं और देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन किल्लत की खबरें मिल रही हैं, लेकिन हमारी जांच में पता चला है कि यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है।
ट्विटर यूजर Samavritti ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है कि ऐ’से आपके #PMcares करते हैं. क्योंकि आएगा तो मोदी ही।’
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए सबसे पहले इसपर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस तस्वीर से मिलते-जुलते ढेरों परिणाम मिले। हमें यह तस्वीर बांग्लागदेश के कई लोकल मीडिया पोर्ट्ल्स पर मिली। dhakapost.com पर 18 अप्रैल को प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। बांग्ला भाषा की इस रिपोर्ट को गूगल ट्रांसलेट की मदद से अनुवाद करने पर हमने जाना कि यह तस्वीर बांग्लादेश के बारिसल शहर की है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाइक पर बैठी महिला का नाम रेहाना परवीन है, जो अपने बेटे जियाउल हसन टीटू के साथ अस्पताल जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर बारिसल ट्रैफिक पुलिस के Touhid Tutul नाम के शख्स ने लेकर फेसबुक पर पोस्ट की थी। महिला कोरोना संक्रमित थीं, जिन्हें सांस में परेशानी के बाद उनका बेटा अस्पताल लेकर जा रहा था। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमें banglanews24.com पर भी प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह वायरल तस्वीर मिली। इस रिपोर्ट में भी ढाका पोस्ट की ही तरह इसे बांग्लादेश के बारिसल शहर की तस्वीर बताया गया है। रिपोर्ट के बाकी तथ्य भी सेम ही हैं।
विश्वास न्यूज को फेसबुक पर बारिसल पुलिस के कर्मचारी Touhid Tutul की वॉल पर भी यह तस्वीर मिली। Touhid Tutul ने 17 अप्रैल 2021 को इस तस्वीर को पोस्ट किया है, जिसे यहां नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को बांग्लादेश मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक रंजन के साथ शेयर किया। अभिषेक ने बताया कि कोई भी बांग्ला भाषा का जानकार इस तस्वीर को देखकर आसानी से बता सकता है कि यह तस्वीर भारत की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की है। अभिषेक ने बताया कि अगर आप बाइक का नंबर प्लेट देखें तो बांग्ला में इसपर सबसे ऊपर शहर का नाम और फिर नीचे नंबर लिखा है। यह नंबर प्लेट ही बांग्लादेश का स्टाइल है। इसके अलावा तस्वीर में सड़क के दूसरी ओर नीले रंग का एक बोर्ड दिख रहा है। अभिषेक ने बताया कि उस बोर्ड पर बारिसल इंजीनियरिंग कॉलेज लिखा है, जो बांग्लादेश के बारिसल शहर में स्थित है। अभिषेक रंजन ने हमें यह भी बताया कि वह रिपोर्टिंग के सिलसिले में बांग्लादेश के बारिसल जा चुके हैं और यह तस्वीर वहीं की है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को गलत दावे से ट्वीट करने वाली ट्विटर यूजर Samavritti की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल दिसंबर 2011 में बनाई गई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 6618 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा झूठा साबित हुआ है। बाइक पर ऑक्सीजन सपोर्ट लेकर बैठी हुई महिला की यह तस्वीर भारत की नहीं है। हालांकि भारत में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं और देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन किल्लत की खबरें मिल रही हैं, लेकिन हमारी जांच में पता चला है कि यह तस्वीर बांग्लादेश के बारिसल शहर की है।
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