Fact Check : दक्षिण कोरिया के कैंडल लाइट मार्च की तस्वीर को केजरीवाल की रैली का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में अरविंद केजरीवाल की रैली के नाम पर वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर का अरविंद केजरीवाल की रैली से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर साउथ कोरिया में निकाली गई एक रैली की है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

Fact Check : दक्षिण कोरिया के कैंडल लाइट मार्च की तस्वीर को केजरीवाल की रैली का बताकर किया जा रहा शेयर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। तमाम राज्यों में चुनाव लड़ने के बाद अब आम आदमी पार्टी की नजरें इस साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई हैं। इसी के चलते पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात में रैलियां कर रहे हैं। हाल ही में केजरीवाल ने गुजरात के राजकोट में एक जनसभा को संबोधित किया था। अब इस जनसभा से जोड़कर एक तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में सैकड़ों लोग रोड़ पर निकलते हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह अरविंद केजरीवाल की रैली की है। 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर का अरविंद केजरीवाल की रैली से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर साउथ कोरिया में निकाली गई एक कैंडल लाइट मार्च की है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर देवेन सलूजा ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ राजकोट’ में स्थानीय लोग बड़ी संख्या में “आप” के रोड-शो में शामिल हुए। Arvind Kejriwal।”

सोशल मीडिया पर अन्य यूजर इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावों को शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें यह हूबहू तस्वीर कोरियन टाइम्स की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट को 5 नवंबर 2022 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, हैलोवीन पर भारी भीड़ जुटने के बाद भगदड़ मच गई थी और इस हादसे में 156 लोगों की जान चली गई थी। इसी हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल लाइट मार्च निकाला गया था। यह तस्वीर उसी मार्च की है।

हमें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती कई तस्वीरें इसी जानकारी के साथ 5 नवंबर 2022 को प्रकाशित बीबीसी की एक रिपोर्ट में मिली। हमने तस्वीर को गौर से देखने पर यह भी पाया कि रोड़ पर कोरिया भाषा में लिखा हुआ है। कई अन्य न्यूज वेबसाइट ने भी इसी जानकारी के साथ इस तस्वीर को प्रकाशित किया है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल से जुड़ा वीडियो No Comment TV नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिली। वीडियो में 4 सेकेंड पर वायरल तस्वीर वाले हूबहू दृश्य को देखा जा सकता है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो साउथ कोरिया में निकाली गए कैंडल लाइट मार्च का है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने केजरीवाल की रैली के बारे में सर्च करना शुरू किया। जनसत्ता में 6 नवंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल ने 6 नवंबर को गुजरात में रैली की थी। केजरीवाल ने वांकानेर, सुरेन्द्रनगर और पूर्वी राजकोट में रैली की थी, जबकि वायरल तस्वीर 5 नवंबर की है।

अधिक जानकारी के लिए हमने गुजरात दैनिक जागरण के डिप्टी एडिटर राजेंद्र सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर गुजरात की नहीं है। 

तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर देवेन सलूजा की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। फेसबुक पर यूजर के छह हजार से ज्यादा मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर दिल्ली का रहने वाला है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में अरविंद केजरीवाल की रैली के नाम पर वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर का अरविंद केजरीवाल की रैली से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर साउथ कोरिया में निकाली गई एक रैली की है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

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