Fact Check: 2013 में बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शन की तस्वीर केरल के नाम से हो रही है वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दवा गलत है। केरल के नाम से वायरल तस्वीर असल में बांग्लादेश की है, जिसे 2013 में एक हिंसक प्रदर्शन के दौरान खींचा गया था।

नई दिल्ली विश्वास न्यूज़। सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक भीड़ को हाथों में डंडे लेकर भागते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दृश्य केरल का है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दवा गलत है। केरल के नाम से वायरल तस्वीर असल में बांग्लादेश की है, जिसे 2013 में एक हिंसक प्रदर्शन के दौरान खींचा गया था।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल तस्वीर में भीड़ को हाथों में डंडे लेकर भागते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “सोचिए इस तरह की भीड़ आपके इलाके सोसाइटी कॉलोनी पर बिल्कुल ऐसे ही पहुंच जाएं तो आपके पास इन के स्वागत का इंतजाम की व्यवस्था है या नहीं यह दृश्य केरल का है।”

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और फिर उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें timeturk.com नाम की एक वेबसाइट पर 7 मई 2013 को प्रकाशित एक खबर में यह तस्वीर मिली। खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था और इसके साथ लिखा था “बांग्लादेश में कल हुई लड़ाई में 100 से ज़्यादा लोग मारे गए और हज़ारों घायल हुए। कल सुबह की प्रार्थना के बाद सैकड़ों हिफाज़त-ए-इस्लाम के सदस्यों ने ढाका में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने ढाका में प्रवेश करने के दरवाजों को बंद कर दिया। कोई भी वाहन ढाका के अंदर या बाहर निकलने में सक्षम नहीं था। हिफ़ाज़त-ए इस्लाम ने बाद में ढाका में बेयुत मुल्करम मस्जिद के उत्तरी द्वार पर एक रैली आयोजित करने की अनुमति भी मांगी।”

हमें दूसरे एंगल से यही तस्वीर फोटो एजेंसी alamy.com पर भी मिली। 5 मई 2013 को ली गयी इस तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में लिखा था “बांग्लादेश के डाकगाला, ढाका के पास बांग्लादेश-चीन मैत्री ब्रिज पर हिफाजत-ए इस्लाम की रैली में शामिल होने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े।” इस तस्वीर को फ़िरोज़ अहमद नाम के एक फोटोजर्नलिस्ट ने खींचा था।

इस तस्वीर पर ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने फोटोजर्नलिस्ट फ़िरोज़ अहमद से संपर्क किया। उन्होंने हमसे फ़ोन पर बात करते हुए बताया, “यह दृश्य 2013 में हुई एक रैली का है। मैंने उस रैली के कई फोटो खींचे थे। हालांकि, वायरल तस्वीर मैंने नहीं खींची मगर मेरे द्वारा खींची गयी तस्वीर में इस दृश्य का अलग एंगल देखा जा सकता है। मैं दावे से कह सकता हूं कि वायरल तस्वीर 2013 में हुई हिफाजत-ए इस्लाम की रैली की ही है।”

इस पोस्ट को ‘Satyam pandey’ नाम के एक ट्विटर यूजर ने शेयर किया था। पेज के ट्विटर पर 1,375 फॉलोअर्स हैं। प्रोफाइल के अनुसार, यूजर दिल्ली का रहनेवाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दवा गलत है। केरल के नाम से वायरल तस्वीर असल में बांग्लादेश की है, जिसे 2013 में एक हिंसक प्रदर्शन के दौरान खींचा गया था।

False
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