Fact Check: ये उत्तराखंड में स्कूल जाते बच्चे नहीं, नेपाल की तस्वीर गलत दावे से वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये वायरल दावा फर्जी निकला है। नेपाल की तस्वीर को उत्तराखंड में स्कूल जाते बच्चों की तस्वीर बता कर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही एक तस्वीर में केबल ब्रिज पर कुछ बच्चे दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये उत्तराखंड में स्कूल जाते बच्चों की तस्वीर है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। नेपाल की तस्वीर को उत्तराखंड में स्कूल जाते बच्चों की तस्वीर बताकर शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

कमल सागर नाम के फेसबुक यूजर ने अपनी पोस्ट में वायरल तस्वीर को शेयर किया है, जिसमें कुछ बच्चे केबल ब्रिज पर झूलते दिख रहे हैं। इस पोस्ट के कैप्शन में दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तराखंड की है।

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल कर अपनी पड़ताल शुरू की। हमें इंटरनेट पर ऐसी कई रिपोर्ट मिलीं, जिनमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। ऐसी ही 2013 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह तस्वीर नेपाल में केबल ब्रिज पर लटके बच्चों की है।

इसी तस्वीर को एक लिस्टिकल आर्टिकल में भी इस्तेमाल किया गया है, जिसका शीर्षक है- ‘स्कूली बच्चों द्वारा दुनियाभर में रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले 10 सबसे खतरनाक रास्ते।’ आर्टिकल में इस्तेमाल की गई वायरल तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, ‘नेपाल के बेनीघाट जिले में दूसरी तरफ के स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को ये केबल रोप-वे का इस्तेमाल करना पड़ता है।’

इस तस्वीर को इस पुरानी रिपोर्ट में भी देखा जा सकता है।

हमें अपनी पड़ताल में ये तस्वीर My Republica वेबसाइट पर भी मिली। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है -त्रिशूली नदी को पार करते बच्चे। इसमें आगे बताया गया है कि बुडसिन गांव के सभी सेकेंडरी लेवल के स्टूडेंट्स दिन में दो बार इसी तरह झूलते हुए स्कूल जाते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इलाके का एकमात्र सेकेंडरी स्कूल नदी के पार है।

हमने गूगल पर त्रिशूली नदी को सर्च किया। हमने पाया कि यह नदी नेपाल में स्थित है।

हमने इस वायरस तस्वीर के संबंध में हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के उत्तराखंड के रिपोर्टर शैलेंद्र गोडियाल से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘ये वायरल तस्वीर उत्तराखंड की नहीं है। इसे लंबे समय से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।’

विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर कमल सागर की प्रोफाइल को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर नैनीताल के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये वायरल दावा फर्जी निकला है। नेपाल की तस्वीर को उत्तराखंड में स्कूल जाते बच्चों की तस्वीर बता कर शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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