विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वृंदावन के हनुमान दास बाबा का नवंबर 2013 में ही निधन हो चुका है । हालांकि, उनकी उम्र के बारे में हम कोई पुष्टि नहीं करते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वृद्ध व्यक्ति की तस्वीर शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह फोटो वृंदावन में रहने वाले 176 वर्षीय हनुमान दास बाबा की है, जो जीवित हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वृंदावन के हनुमान दास बाबा का 2013 में निधन हो चुका है । हालांकि, उनकी उम्र को लेकर कोई प्रमाण नहीं मिल सका, इसलिए हम इस बारे में कोई पुष्टि नहीं करते हैं।
थ्रेड्स यूजर ‘insta_fact96‘ (आर्काइव लिंक) ने 21 नवंबर को तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “ये तस्वीर वृंदावन के हनुमान दास बाबा की है, जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी उम्र भी याद नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें याद है जब झाँसी की रानी अंग्रेजो से लड़ी थी तब वह 12 साल के थे। इस हिसाब से इनकी उम्र लगभग 170 साल है।”
वायरल दावे की हमने एक बार पहले भी जांच की थी। उस समय तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इंडिया डिवाइन नाम की वेबसाइट पर 4 जुलाई 2014 को छपे आर्टिकल में यह तस्वीर मिली थी। इसमें लिखा था, “ये तस्वीरें वृंदावन के हनुमान दास बाबा की हैं, जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हो सकते हैं। एक बार मैंने इन बाबा से पूछा कि उनकी उम्र कितनी है? उन्होंने उत्तर दिया कि उन्हें अपनी उम्र याद नहीं है, लेकिन उन्हें याद है कि जब झांसी रानी ने अंग्रेजों से लड़ाई की थी, तब वह 12 वर्ष के थे। इससे आप उनकी उम्र का अंदाजा लगा सकते हैं। झांसी की रानी ने 1857 में अंग्रेजों से लड़ाई की थी, इसलिए उनकी उम्र लगभग 170 वर्ष होगी।” यहां से हमें पता चला कि यह तस्वीर काफी साल से इंटरनेट पर मौजूद है। खबर में दावा किया गया कि संत की उम्र 170 साल है।
इसी कड़ी में हमारे हाथ दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 19 मई 2013 को छपी खबर भी लगी थी, जिसमें लिखा था “वृंदावन से हाथरस आए एक संत को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। संत के शिष्यों का दावा था कि उनकी उम्र 175 वर्ष है। रुई की मंडी स्थित मंदिर पर संत हनुमान दास ब्रह्माचारी को देखने के लिए काफी लोग आए। उनके शिष्य गुड्डू् दास ने बताया कि 12 वर्ष की आयु में हनुमान दास जी उत्तराखंड से वृंदावन आ गये थे और तभी से यहीं ब्रज भूमि में रम कर रह गए। वृंदावन गोपालखार परिक्रमा मार्ग स्थित गऊशाला उनके निर्देशन में चल रही है। वह यहां उपचार के लिए आए हैं।”
26 नवंबर 2013 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा के अनुसार, “वृंदावन के हनुमान दास ब्रह्मचारी ब्रह्मलीन हो गए। निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन के लिए अनुयायियों का तांता लगा रहा।”
इस बारे में मथुरा में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ विनीत मिश्रा से भी संपर्क किया था। उनका कहना था, “वायरल फोटो हनुमान दास बाबा की है। नवंबर 2013 में उनका निधन हो चुका है। उनकी उम्र के बारे में बस दावे किए गए हैं, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है।“
इससे साफ होता है कि हनुमान दास बाबा का निधन करीब 10 साल पहले हो चुका है। हालांकि, विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से उनकी उम्र के बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है।
अंत में हमने उस प्रोफ़ाइल की सोशल स्कैनिंग की, जिसने इसे शेयर किया था। यूजर insta_fact96 के थ्रेड्स पर 1000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वृंदावन के हनुमान दास बाबा का नवंबर 2013 में ही निधन हो चुका है । हालांकि, उनकी उम्र के बारे में हम कोई पुष्टि नहीं करते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।
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