Fact Check: गुंटुर में दरगाह तोड़ने की घटना का वीडियो सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे से वायरल
आंध्र प्रदेश के गुंटुर में कुछ लोगों ने दरगाह की दीवार को तोड़ने का प्रयास किया था। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Oct 19, 2022 at 03:51 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर आंध्र प्रदेश के गुंटुर से जोड़कर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ मुस्लिम एक ढांचे के गेट को तोड़ रहे हैं। 25 सेकंड के वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आंध्र प्रदेश के गुंटुर में मुस्लिमों ने मंदिर को तोड़ा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। दरअसल, गुंटुर में कुछ लोगों ने दरगाह तोड़ने की कोशिश की थी, मंदिर नहीं।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Rajesh Rastravadi (आर्काइव लिंक) ने 15 अक्टूबर को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
यह है भारत और भारत का लोकतंत्र …
जहाँ पर डरा हुआ भारत का मुसलमान हिन्दू मंदिरों को निडर होकर तोड़ रहा है .
आन्ध्रा गुंटूर मंदिर तोड़ा जा रहा है!
ट्विटर यूजर ‘विजय पाठक / Vijay Pathak‘ (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते हुए समान दावा किया,
पड़ताल
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने गूगल के इनविड टूल का सहारा लिया। वीडियो से कीफ्रेम निकालकर हमने गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें 18 अक्टूबर 2022 को इंडिया टुडे में छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वीडियो के कीफ्रेम का प्रयोग किया गया है। खबर के अनुसार, गुंटुर के एलबी नगर में 12 अक्टूबर को कुछ लोगों ने मस्जिद बनाने के लिए दरगाह तोड़ने की कोशिश की। स्थानीय लोगों ने उनको ऐसा करने से रोका और दरगाह को वहां से हटाने से इनकार कर दिया। लालपेट पुलिस इंस्पेक्टर के मुताबिक, ‘बाजी बाबा दरगाह को एएस रत्नम उर्फ रहमान ने स्थापित किया था। वह यहां 40 साल से रह रहे थे। उन्होंने 15 साल पहले यहां अपनी पत्नी की समाधि बनाई थी। उन्होंने अपनी बेटी व परिजनों को उनकी मृत्यु के बाद वहां मस्जिद बनाने को कहा था। 2020 में कोविड से उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनकी बेटी ने भूमि को मस्जिद बनाने के लिए दान में दे दिया था, लेकिन पड़ोस के चार-पांच परिवार यहां दरगाह पर अड़े हैं।’
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में 17 अक्टूबर को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अक्टूबर को गुंटुर के एलआर नगर में कुछ अज्ञात लोगों ने दरगाह तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनको रोका। स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले 40 साल से सभी धर्मों के लोग वहां प्रार्थना करने जा रहे हैं। भूमि के मालिक की मृत्यु के बाद उसकी बेटी ने लोगों से वहां प्रार्थना जारी रखने को कहा था। दरगाह की खस्ता हालत को देखते हुए स्थानीय लोगों ने पैसे इकट्ठे कर उसकी मरम्मत का कार्य शुरू कराया था। इस बीच, बुधवार को कुछ लोगों ने दरगाह की दीवार तोड़ने की कोशिश की और कहा कि वे नई दीवार बनाएंगे। स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें रोकने पर वहां तनाव का माहौल बन गया था। पुलिस ने वहां पहुंचकर स्थिति को संभाला। लालपेट पुलिस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभाकर ने कहा कि उन्होंने रेवेन्यू विभाग को भूमि की डिटेल चेक करने को कहना है। जब तक इसका समाधान नहीं होता, तब तक दरगाह बंद रहेगी। दोनों ही पार्टियों ने शिकायत करने को मना कर दिया है, जिस कारण पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने लालपेट पुलिस स्टेशन में संपर्क किया। उनका कहना है, ‘कुछ लोगों ने दरगाह की दीवार तोड़ने की कोशिश की थी। उनके बीच विवाद था।‘
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘राजेश राष्ट्रवादी‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं और एक विचारधारा से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष: आंध्र प्रदेश के गुंटुर में कुछ लोगों ने दरगाह की दीवार को तोड़ने का प्रयास किया था। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : आंध्र प्रदेश के गुंटुर में मुस्लिमों ने मंदिर को तोड़ा है।
- Claimed By : FB User- Rajesh Rastravadi
- Fact Check : झूठ
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