Fact Check: उमेश पाल हत्‍याकांड का आरोपी गुड्डू मस्लिम अभी भी फरार, फर्जी है गिरफ्तारी वाली पोस्‍ट

उमेश पाल हत्‍याकांड के आरोपी गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी का दावा गलत है। खबर लिखे जाने तक गुड्डू मुस्लिम फरार था। यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने भी अभी उसकी गिरफ्तारी से इनकार किया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की हत्‍या के बाद सोशल मीडिया पर उमेश पाल हत्‍याकांड के आरोपी गुड्डू मुस्लिम को लेकर पोस्‍ट शेयर की जा रही है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि गुड्डू मुस्लिम को नासिक से गिरफ्तार कर लिया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि खबर लिखे जाने तक गुड्डू मुस्लिम गिरफ्तार नहीं हुआ था। एसटीएफ की टीम उसकी तलाश कर रही है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

फेसबुक यूजर ‘श्री हिन्‍दुस्‍तान‘ (आर्काइव लिंक) ने 17 अप्रैल को पोस्‍ट की है,

“गुड्डू मुस्लिम नासिक से गिरफ्तार.
दर्शकों से अनुरोध है अपनी अपनी जगह बैठे रहे मनोरंजन की में कोई कमी नहीं रहेगी मनोरंजन लगातार जारी है. “

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। 17 अप्रैल को जागरण डॉट कॉम में छपी खबर के अनुसार, “16 अप्रैल को इंटरनेट पर अतीक के गुर्गे गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी की अफवाह फैली। दावा किया गया कि एसटीएफ ने महाराष्ट्र के नासिक से गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ने इस खबर की कोई पुष्टि नहीं की। उन्‍होंने तो यह कहा कि एसटीएफ नासिक में गई ही नहीं है। गुड्डू मुस्लिम समेत अन्य शूटर फरार हैं। यूपी शासन ने तीनों की गिरफ्तारी पर 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा है।”

मराठी न्‍यूज वेबसाइट ईसाकाल पर भी इस बारे में रिपोर्ट छपी है। इसके मुताबिक, “नासिक पुलिस कमिश्नरेट ने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और कुख्यात गैंगस्टर गुड्डू मुस्लिम को नासिक से गिरफ्तार किए जाने की खबरों का खंडन किया है। साथ ही अपील की है कि कोई भी इस संबंध में अफवाह ना फैलाए। दिल्ली पुलिस आर्म्स एक्ट के अपराध के सिलसिले में नासिक आई और इस मामले को लेकर संदेह पैदा हुआ। दिल्ली पुलिस दरअसल एक होटल के वेटर से पूछताछ कर वापस चली गई। दिल्ली में आर्म्स एक्ट से जुड़े एक अपराध की जांच के लिए दिल्ली पुलिस 15 अप्रैल की रात नासिक आई थी। इस संबंध में अंबाद पुलिस की मदद से दिल्ली पुलिस ने अंबाद इलाके के एक होटल में वेटर शिवानंद दिवाकर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। अंबाद थाने में गहन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। उसके बाद दिल्ली पुलिस चली गई। साथ ही पुलिस कमिश्नरेट ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश की कोई एसटीएफ टीम नासिक नहीं आई है। नासिक के पुलिस कमिश्‍नर अंकुश शिंदे ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम के नासिक से संबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है और न ही इस बारे में कोई गोपनीय जानकारी मांगी गई है। यह केवल मीडिया के माध्यम से सामने आ रहा है। दिल्ली पुलिस एक मामले में नासिक आई थी, शायद इसलिए संदेह पैदा हुआ होगा। वास्तव में उत्तर प्रदेश और नासिक में हुई घटना के बीच कोई संबंध नहीं है।”

जागरण डॉट कॉम में 20 अप्रैल को छपी रिपोर्ट में लिखा है, “प्रयागराज में 24 फरवरी को विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या कर दी गई थी। सीसीटीवी की फुटेज में माफिया अतीक अहमद के बेटे को उमेश पाल पर गोलियां बरसाते हुए पाया गया था। इस हत्याकांड में शामिल 4 आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में अतीक-अशरफ को रिमांड पर लिया था। 15 अप्रैल को दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे। वहां से वापसी में मेडिकल काल्विन अस्पताल में दोनों का मेडिकल हुआ था। वहां से बाहर आने के बाद अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने अतीक और अशरफ की हत्‍या कर दी थी।”

दैनिक जागरण के प्रयागराज संस्‍करण में 21 अप्रैल को खबर छपी है कि गुड्डू के ओडिशा के पुरी में छिपे होने की सूचना आ रही है। गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल हत्‍याकांड में नामजद 10 आरोपियों में से एक है। गुड्डू और शाइस्‍ता समेत चार आरोपी अभी फरार हैं।

इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने कहा, “अभी गुड्डू मुस्लिम गिरफ्तार नहीं हुआ है।

फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘श्री हिन्‍दुस्‍तान‘ की प्रोफाइल को हमने स्‍कैन किया। उन्‍होंने अपनी प्रोफाइल लॉक की हुई है। हालांकि, ग्रुप पर उनकी कुछ पोस्‍ट से पता चलता है कि वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: उमेश पाल हत्‍याकांड के आरोपी गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी का दावा गलत है। खबर लिखे जाने तक गुड्डू मुस्लिम फरार था। यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने भी अभी उसकी गिरफ्तारी से इनकार किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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