उत्तर प्रदेश के दनकौर में करीब नौ साल पहले हुई घटना को अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। उस समय राज्य में सपा की सरकार थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें निर्वस्त्र महिला और पुरुष की तस्वीर के साथ में दावा किया जा रहा है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा के दनकौर में थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज कराने आए दंपती को निर्वस्त्र कर दिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर अक्टूबर 2015 में हुई घटना की है। दरअसल, दनकौर थाने के सामने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए दंपती ने प्रदर्शन किया था। उस समय राज्य में अखिलेश यादव की सरकार थी। उस घटना को हालिया बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया। इसमें तस्वीर के साथ में लिखा है, “महान देश की इस सच्चाई को पेश करते हुए शर्मसार हो रहा हूँ। पर इसको पोस्ट करना भी जरूरी है। जहां पर मीडिया विकलांग, बिकाऊ और पक्षपाती हो जाता है वहां पर हम सभी को एक सच्चे पत्रकार की भूमिका में सामने आना पड़ता है। ये तस्वीर उ.प्र. के ग्रेटर नॉएडा के धनकौर थाना की है। कोई प्रवीन यादव इसके इंचार्ज हैं जिसने इस गरीब दलित दम्पति को चौराहे पर नंगा इसलिए कर दिया, क्योंकि ये थाने में अपने घर हुई चोरी की घटना की शिकायत करने और चोरों को पकड़ने की मांग करने थाने में प्रवीन एस.एच.ओ. के पास आये थे। देखिये बीच चौराहे पर बेबस पति पत्नी को नंगा किया गया है और पास खड़ी हिजड़ों की फ़ौज तमाशा देख रही है। अनुरोध है कि आप इस पोस्ट को इतना शेयर करें अपराधी एस.एच.ओ. शाम तक टंग जाये।“
फेसबुक यूजर Yasin Mansuri ने भी 25 जून को इस पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “देश को शर्म शर करने वाली घटना क्या योगी सो रहा हे”
वायरल तस्वीर को हमने गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 10 अक्टूबर 2015 को छपी खबर में यह तस्वीर मिली। इसके कैप्शन में लिखा है, पुलिस पर डकैती की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने का आरोप लगाते हुए दलित परिवार ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया। खबर में लिखा है कि गौतमबुद्ध नगर जिले के दनकौर के बाजार में पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए दलित परिवार ने थाने के सामने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस घटना के बाद पुलिस ने तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को सार्वजनिक अश्लीलता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 9 अक्टूबर 2015 को छपी खबर में लिखा है कि दनकौर में दलित परिवार पर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद दलित संगठनों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस खबर में भी लिखा है कि दलित परिवार ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया था।
यह पोस्ट पहले भी वायरल हो चुकी है। उस समय विश्वास न्यूज ने इस मामले में दैनिक जागरण के ग्रेटर नोएडा के क्राइम रिपोर्टर प्रवीण विक्रम सिंह से बात की थी। उन्होंने बताया था कि मामला अक्टूबर 2015 का है। एक राहगीर ने इस घटना का वीडियो बना लिया था। परिवार के सदस्यों ने अपने कपड़े खुद फाड़े थे। उन्होंने पुलिस पर कपड़े फाड़ने का आरोप लगा दिया था, लेकिन पुलिस जांच में यह झूठा निकला था।
उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 तक राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। इसके बाद राज्य की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में आ गई थी।
पुराने मामले को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर अहमदाबाद में रहते हैं।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के दनकौर में करीब नौ साल पहले हुई घटना को अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। उस समय राज्य में सपा की सरकार थी।
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