Fact Check: देश के सरकारी स्कूलों के निजीकरण का झूठा दावा हो रहा वायरल

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है कि देश के सभी सरकारी स्कूलों के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। इस संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा झूठा है।

Fact Check: देश के सरकारी स्कूलों के निजीकरण का झूठा दावा हो रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर देशभर के सरकारी स्कूलों को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। यूजर एक कथित अखबार की क्लिप शेयर कर दावा कर रहे हैं कि सरकार देशभर के सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने जा रही है। विश्वास न्यूज़ को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट पर भी यूजर्स की तरफ से ये सूचना फैक्ट चेकिंग के लिए मिली है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में देश के सारे सरकारी स्कूलों के निजीकरण का दावा फर्जी निकला है।

क्या हो रहा है वायरल?
ट्विटर, फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक कथित अखबार की क्लिपिंग शेयर की जा रही है। इस क्लिपिंग का शीर्षक है, ‘पूरे देश में सरकारी स्कूलों का निजीकरण होगा।’ इस क्लिपिंग को फेसबुक यूजर Tabrez Alam ने भी शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले शेयर किए जा रहे कथित अखबार की क्लिप को गौर से देखा। इसमें नीति आयोग के किसी प्लान के हवाले से ये दावा किया गया है। हमने जरूरी कीवर्ड्स (government school privatisation niti aayog) की मदद से गूगल पर इस दावे को सर्च किया। हमें इस साल मार्च की एनडीटीवी की एक रिपोर्ट मिली। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री (तब मानव संसाधन मंत्री) ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि सरकारी स्कूलों के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

16 मार्च 2020 को मानव संसाधन मंत्री से संसद में पूछे गए सवाल।

इसी तरह की अन्य प्रामाणिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि नीति आयोग ने 2017 में नॉन परफॉर्मिंग सरकारी स्कूलों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में चलाने का सुझाव दिया था। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर सरकारी स्कूलों के निजीकरण का ये दावा कुछ-कुछ दिनों पर वायरल होता रहा है।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर सतीश द्विवेदी से भी संपर्क किया। उन्होंने इस वायरल दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा, ‘सरकार सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को लगातार बेहतर बनाने में जुटी है। सरकारी स्कूलों के निजीकरण की कोई योजना नहीं है।’

हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Tabrez Alam की प्रोफाइल को स्कैन किया। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर हाजीपुर के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया है कि देश के सभी सरकारी स्कूलों के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। इस संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा झूठा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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