Fact Check: कोरोना के समय छात्रों को मुफ्त स्मार्टफोन नहीं दे रही सरकार, वायरल मैसेज स्पैम है

कोरोना को देखते हुए सरकार सभी स्टूडेंट्स को मुफ्त स्मार्टफोन नहीं दे रही है। वायरल दावा फर्जी है। साइबर एक्सपर्ट किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। ऐसा करने पर आपको वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

Fact Check: कोरोना के समय छात्रों को मुफ्त स्मार्टफोन नहीं दे रही सरकार, वायरल मैसेज स्पैम है

नई दिल्ली (Vishvas News): सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना के समय सरकार छात्रों को मुफ्त स्मार्टफोन दे रही है। इस मैसेज के साथ एक लिंक शेयर कर लोगों से इसपर रजिस्ट्रेशन करने को कहा जा रहा है। विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा झूठा पाया गया है। इससे पहले कमोबेश ऐसा ही झूठा दावा मुफ्त लैपटॉप मिलने का भी वायरल हो चुका है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ को वॉट्सऐप चैटबॉट पर एक इमेज पोस्ट मिली है। इसके साथ एक लिंक भी है। इस वायरल मैसेज में लिखा है, ‘कोरोना वायरस के कारण स्कूल और कॉलेज बंद हो गए हैं और इस वजह से छात्रों की शिक्षा प्रभावित हुई है, इसलिए सभी छात्रों को मुफ्त एंड्रॉइड स्मार्टफोन प्रदान कर रहे है। ताकि छात्र इंटरनेट और ऑनलाइन कक्षाओं की मदद से अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। आप इस लिंक से अपना मुफ्त स्मार्टफ़ोन प्राप्त करने के लिए फ़ॉर्म भर सकते हैं| 👉 http://bit.ly/Register-Free-Smartphone-Link’ यहां इस लिंक को ज्यों का त्यों पेश किया है।

हमें यही वायरल मैसेज ट्विटर पर भी मिला। Brand krishna 500 followers नाम के हैंडल से इस मैसेज को ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इस दावे को इंटरनेट पर खोजने की कोशिश की। अगर सरकार की तरफ से सारे स्टूडेंट्स को मुफ्त एंड्राएड स्मार्टफोन देने का ऐलान किया गया होता तो ये बड़ी खबर होती। प्रामाणिक मीडिया हाउस इसपर रिपोर्ट जरूर करते। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो ऐसे किसी मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाने के दावे की पुष्टि करती हो।

इसके उलट हमें ऐसी मीडिया रिपोर्ट जरूर मिलीं, जिनमें इस दावो को गलत बताया जा रहा था। न्यूज़ 18 की एक ऐसी ही रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे के साथ शेयर किए जा रहे लिंक की भी पड़ताल की। ये ब्लॉगस्पॉट का लिंक है, जिसे कोई भी क्रिएट कर सकता है। इस लिंक पर क्लिक करने पर यूजर्स से उनका नाम और नंबर जैसी निजी जानकारियां मांगी जा रही हैं। दावा किया जा रहा है कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर है। यहां डिस्प्ले मैसेज में भाषायी अशुद्धियां (निचे, अक्टुबर) भी देखने को मिलीं।

केवल पड़ताल के उद्देश्य से हमने यहां सांकेतिक जानकारियां भरते हुए अपनी जांच आगे जारी रखी। अगले स्टेप में हम कथित वेरिफिकेशन के लिए इसे वॉट्सऐप पर 10 लोगों के साथ शेयर करने को कहा जाने लगा। यानी साफ है कि यहां लिंक को प्रमोट करने और क्लिकबेट के सहारे हिट्स बंटोरने की कोशिश की जा रही है।

इससे पहले कोरोना से जोड़कर हर स्टूडेंट को सरकार से 9000 रुपये मिलने का भी एक दावा वायरल हो चुका है। उस दावे में भी बिल्कुल ऐसे ही ब्लॉगस्पॉट लिंक को रजिस्ट्रेशन फॉर्म की तरह पेश कर निजी जानकारियां भरवाई जा रही थीं। इसके बाद उस कथित ऑफर को ठीक ऐसे ही वॉट्सऐप पर 10 लोगों या 10 ग्रुप में शेयर करने को रहा जा रहा था। तब नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (NIC) यूपी के अधिकारी ने विश्वास न्यूज़ को बताया था कि लोगों को ऐसे किसी ब्लॉग लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। सरकारी सूचनाएं अगर gov.in या nic.in से आ रही हैं तभी उसे लोगों को माननी चाहिए। ऐसी दूसरी स्थितियों में उनके साथ गड़बड़ भी हो सकती है। उस फैक्ट चेक स्टोरी को नीचे देखा जा सकता है।

हमने इस वायरल लिंक साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज को भेजा। उन्होंने इस लिंक को चेक कर बताया कि ये क्लिकबेट लिंक है और इसपर अपनी निजी जानकारी शेयर करने से उनके चोरी हो जाने का खतरा है। आयुष के मुताबिक, ऐसे क्लिकबेट से आपके मोबाइल में मालवेयर पहुंचा उसका कंट्रोल हासिल किया जा सकता है। निजी सूचनाएं चोरी कर डीप वेब (हैकर्स और साइबर फ्रॉ़ड करने वाले करते हैं डीप वेब का इस्तेमाल) पर बेची जा सकती हैं। आपका ईवॉलेट हैक कर आपको वित्तीय नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है।

विश्वास न्यूज़ ने इस वायरल दावे को ट्वीट करने वाले यूजर के ट्विटर हैंडल को स्कैन किया। इस ट्विटर हैंडल को अगस्त 2020 में बनाया गया है। फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 491 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: कोरोना को देखते हुए सरकार सभी स्टूडेंट्स को मुफ्त स्मार्टफोन नहीं दे रही है। वायरल दावा फर्जी है। साइबर एक्सपर्ट किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। ऐसा करने पर आपको वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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