Fact Check: गीताप्रेस के बंद होने का झूठा दावा हो रहा वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में गीताप्रेस, गोरखपुर को लेकर वायरल हो रहा मैसेज झूठा निकला है। गीताप्रेस आर्थिक संकट की वजह से बंद होने की कगार पर नहीं है। यह दावा पिछले कई सालों से सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है। गीताप्रेस प्रबंधन ने इस दावे को खारिज किया है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर गीताप्रेस, गोरखपुर के नाम से एक मैसेज वायरल हो रहा है। वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि गीताप्रेस की वित्तीय हालत ठीक नहीं है और उनके पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं हैं। वायरल मैसेज में उसे फॉरवर्ड करने की भी अपील की जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल मैसेज का दावा झूठा निकला है। गीताप्रेस को लेकर यह दावा पिछले कई सालों से सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है। गीता प्रेस प्रबंधन ने इस दावे को खारिज किया है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Shalin Kumar Singh ने 27 जुलाई 2021 को पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है कि दुखद खबर, गीताप्रेस गोरखपुर बंद होने की कगार पर है। इस मैसेज में दावा किया गया है कि गीता प्रेस के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए सैलरी भी नहीं है। इस मैसेज को शेयर करने की अपील की जा रही है। पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की हकीकत जाने के लिए सबसे पहले जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इसे इंटरनेट पर सर्च किया। हमें हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 31 जुलाई 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में गीताप्रेस को लेकर वायरल हो रहे मैसेज का जिक्र करते हुए प्रबंधन के हवाले से इसे फर्जी बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गीताप्रेस प्रबंधन ने कहा है कि यह मैसेज 2015 से ही वायरल रहा है, जबकि गीताप्रेस में नियमित रूप से छपाई हो रही है। प्रेस पर किसी तरह का संकट नहीं है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इंटरनेट पर सर्च के दौरान हमें टाइम्स ऑफ इंडिया पर 4 सितंबर 2020 और बिजनेस स्टैंडर्ड की वेबसाइट पर 25 जनवरी 2018 की प्रकाशित खबरें भी मिलीं। इन खबरों में भी गीताप्रेस के बंद होने की अफवाहों का जिक्र है। तब भी गीताप्रेस प्रबंधन ने अफवाहों का खंडन किया था। यानी गीताप्रेस से जुड़ा ये दावा पहले भी वायरल होता रहा है।

हमने गीताप्रेस से जुड़े इस वायरल दावे को चेक करने के लिए गीताप्रेस की आधिकारिक साइट को भी खंगाला। हमें ऐसी कोई रिपोर्ट साइट पर नहीं मिली, जहां गीताप्रेस की तरफ से किसी वित्तीय संकट का ऐलान किया गया हो। इसके उलट गीताप्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 31 जुलाई 2021 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में वायरल मैसेज का जिक्र करते हुए इसे फर्जी बताया गया है। ट्वीट में लिखा गया है कि गीताप्रेस में 15 भाषाओं में लगभग 1800 तरह की पुस्तकें लगातार प्रकाशित हो रही हैं। यहां बताया गया है कि गीताप्रेस का काम सुचारु रूप से चल रहा है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे के संबंध में गीताप्रेस, गोरखपुर से संपर्क किया। हमें गीताप्रेस के मैनेजर डॉक्टर लाल मणि तिवारी ने बताया कि वायरल दावा फर्जी है। उनके मुताबिक, गीताप्रेस पिछले कुछ सालों में काम के प्रसार के लिए 20 करोड़ रुपये करीब राशि का निवेश कर चुका है। गीताप्रेस में वित्तीय संकट या बंद होने से जुड़े सारे दावे फर्जी हैं।

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Shalin Kumar Singh की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर ने अपनी प्रोफाइल लोकेशन साझा नहीं की है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में गीताप्रेस, गोरखपुर को लेकर वायरल हो रहा मैसेज झूठा निकला है। गीताप्रेस आर्थिक संकट की वजह से बंद होने की कगार पर नहीं है। यह दावा पिछले कई सालों से सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है। गीताप्रेस प्रबंधन ने इस दावे को खारिज किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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