नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ पुलिस की बदसलूकी का वीडियो वायरल हो रहा है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि चालान के कारण महिला के साथ पुलिसवालों ने बदसलूकी की। विश्वास न्यूज ने जब इस दावे की पड़ताल की तो पता चला कि वायरल पोस्ट का दावा फर्जी है। महिला और पुलिस के बीच जो विवाद हुआ था, उसका संबंध चालान से नहीं था। गाजियाबाद के तुराबनगर में 16 अक्टूबर की देर रात पुलिसवाले मेहंदी लगाने वाले लोगों को हटा रहे थे। उसी दौरान मेहंदी लगवाने आई एक महिला और उसके पति को भी टोका। इस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई।
फेसबुक पेज पंजाब ने 22 अक्टूबर को एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : चालान महंगा करके सरकार ने पुलिस को गुंडा बना दिया है। एक मासूम बच्चे के सामने उसके पिता को मारते हैं, इस मैसेज को थोड़ा अन्य ग्रुपों में भेजना चाहिए जिससे प्रशासन जागे।
इस वीडियो को अब तक 380 लोग शेयर कर चुके हैं। वीडियो को अब तक 17 हजार लोग देख चुके हैं। यह वीडियो दूसरे यूजर्स भी फेक क्लेम के साथ वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। हमें पुलिस की गाड़ी के ऊपर एक जगह गाजियाबाद लिखा हुआ दिखा। इसके अलावा पुलिस की वर्दी के ऊपर जो बैज था, वह भी यूपी पुलिस का ही था। इससे एक बात तो साफ थी कि वीडियो यूपी के गाजियाबाद जिले का कहीं का है।
इसके बाद हमने गूगल में ‘गाजियाबाद में महिला के साथ पुलिस की बदसलूकी’ टाइप करके सर्च किया। हमें कई मीडिया वेबसाइट और यूटयूब पर इससे संबंधित खबरें और वीडियो मिले।
दैनिक जागरण की वेबसाइट Jagran.com पर मौजूद एक खबर में बताया गया कि तुराबनगर में 16 अक्टूबर यानी करवाचौथ से एक दिन पहले देर रात मेहंदी लगवाने आई महिला व उसके पति से हाथापाई का वीडियो वायरल हुआ था। एसपी सिटी डॉ. मनीष मिश्र ने अगले दिन 17अक्टूबर को दोपहर बाद सोशल मीडिया पर प्रेस नोट जारी कर घटना को लेकर खेद जताया था। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
यह वीडियो हमें कई यूटयूब चैनल पर भी मिला। नवोदय टाइम्स के यूटयूब चैनल पर 18 अक्टूबर 2019 को यह वीडियो अपलोड किया गया। इसमें बताया गया कि गाजियाबाद पुलिस ने महिला के साथ बदसलूकी की।
पड़ताल के दौरान हमने दैनिक जागरण के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमें 19 अक्टूबर के गाजियाबाद संस्करण में एक खबर मिली। खबर की हेडिंग थी : “ महिला से बदसुलूकी पर दारोगा को कुशीनगर भेजा। खबर में बताया गया कि तुराबनगर में 16 अक्टूबर की देर रात करीब एक बजे एक महिला मेहंदी लगवा रही थी। इसी दौरान नगर कोतवाली की माइक मोबाइल पैट्रोलिंग करती हुई उधर से गुजरी। नाइट ड्यूटी कर रहे दारोगा रणवीर सिंह ने मेहंदी लगाने वाले लोगों को इतनी रात तक रुकने से मना करते हुए तुरंत काम बंद करने को कहा। आरोप है कि इस दौरान मेहंदी लगावाने वाली महिला और उसके पति को भी टोका। इस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई।”
इसके बाद विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण के गाजियाबाद के संवाददाता (अपराध) आयुष गंगवार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर की आधी रात के बाद एक बजे के करीब एक महिला अपने पति के साथ तुराबनगर में मेहंदी लगवा रही थी। इसी दौरान पुलिस से विवाद हुआ था। अभी तक इस मामले में महिला की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। चूंकि वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। इसलिए पुलिस ने स्वत: संज्ञान ले आरोपी दारोगा रणवीर सिंह को पहले लाइन हाजिर किया और फिर बाद में शासन ने उनका कुशीनगर ट्रांसफर कर दिया। इस पूरी घटना का चालान से कोई संबंध नहीं था।
पूरे मामले पर सीओ सिटी फर्स्ट एवं जांचकर्ता धर्मेंद्र चौहान कहते हैं, “यह मामला चालान का बिल्कुल नहीं था। तुराबनगर मार्केट में दो महिलाओं में झगड़े की सूचना आई थी। पुलिस पहुंची तो यहां कई मेहंदी लगाने वाले बैठे हुए थे। पुलिस ने मेहंदी लगाने वालों को इतनी रात तक न रुकने की हिदायत दी तो उक्त महिला और साथ खड़ा व्यक्ति पुलिस से उलझने लगा। पुलिस उन्हें थाना चलने को कह रही थी। आगे की कार्रवाई शासन द्वारा की गई है।”
पड़ताल के अंतिम चरण में हमने उस फेसबुक पेज पर गए, जहां पुलिस की बदसलूकी के वीडियो को चालान से जोड़कर वायरल किया जा रहा था। हमें पता चला कि पंजाब नाम का यह फेसबुक 17 जुलाई 2019 को बनाया गया है। इसे तीन हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि चालान के नाम पर महिला और उसके पति के साथ पुलिस की बदसलूकी की पोस्ट का दावा फर्जी है। इस मामले का चालान से कोई संबंध नहीं था।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।