श्रीगंगानगर में रामनवमी के जुलूस के बाद युवक ने एक व्यक्ति के घर पर भगवा ध्वज फहराया था, जिसे गलत जानकारी के साथ वायरल कर दिया गया। झंडा मस्जिद की छत पर नहीं फहराया गया था। फेक पोस्ट वायरल करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। श्रीगंगानगर के एसपी ने सोशल मीडिया पर वायरल दावे को फेक बताया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रामनवमी के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो सांपद्रायिक रंग देकर वायरल किए जा रहे हैं। इनमें एक वीडियो में युवक छत पर भगवा झंडा फहराते दिख रहा है। वीडियो में कहा जा रहा है कि युवक ने मस्जिद पर ध्वजा फहराई है। वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि रामनवमी के अवसर पर राजस्थान के गंगानगर के बीझबयाला की मस्जिद पर भगवा ध्वज फहराया गया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। श्रीगंगागनर में युवक ने एक व्यक्ति के घर की छत पर झंडा फहराया था, न कि मस्जिद पर। इस तरह की फेक पोस्ट करने के आरोप में श्रीगंगानगर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
फेसबुक यूजर ‘हैदराबाद न्यूज सबसे तेज‘ (आर्काइव लिंक) ने 31 मार्च को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
“This video is claimed to be from Beenjhbayala,Ganganagar, #Rajasthan. A saffron flag was planted on top of a mosque during #RamNavami procession.”
(दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बीझबयाला, गंगानगर, राजस्थान का है। रामनवमी जुलूस के दौरान एक मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा लगाया गया था।)
ट्विटर यूजर रफीक लोधी (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को 30 मार्च को पोस्ट करते हुए युवक पर कार्रवाई करने की गुजारिश की।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद हमने श्रीगंगानगर पुलिस के ट्विटर हैंडल को सर्च किया। उनके रिप्लाई सेक्शन में हमें इससे संबंधित ट्वीट मिला। 30 मार्च को ट्विटर यूजर रफीक लोधी के ट्वीट पर जवाब देते हुए श्रीगंगानगर पुलिस (आर्काइव लिंक) ने कहा, “ये पूर्ण सत्य घटना नहीं है। फेक न्यूज फैलाने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये ध्वज किसी मस्जिद पर नहीं लगा है, ये एक व्यक्ति के घर पर लगा है।“
इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने श्रीगंगानगर के एसपी पारिस देशमुख से बात की। उनका कहना है, “सोशल मीडिया पर गलत दावा वायरल हो रहा है। यह वीडियो करीब छह दिन से वायरल हो रहा है। उन्होंने इस बारे में श्रीगांगानगर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी जानकारी दी है।” उन्होंने कहा, “30 मार्च को सुबह रामनवमी की शोभायात्रा मावडियां धरानियां मंदिर से निकाली गई थी, जो दोपहर में बीझबयाला में संपन्न हुई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कहा गया कि बीझबयाला मस्जिद पर राम ध्वजा फहराई गई है। बाद में पुलिस जांच में पता चला कि मस्जिद के पास बने ताराचंद्र के मकान पर ध्वजा फहराई गई है, न कि मस्जिद पर। गलत जानकारी के साथ वीडियो वायरल करने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों अंकित और मनीष को गिरफ्तार किया है। मनीष ने स्वीकार किया है कि उसने यह वीडियो वायरल किया था।“
एसपी ने हमें एफआईआर की कॉपी का एक अंश भेजा, जिसमें घटना के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
साथ ही आरोपी मनीष का ऑडियो भी भेजा, जिसमें वह कह रहा है, “गलती से वह वीडियो दूसरे ग्रुपों में शेयर हो गया था। मैंने वह वीडियो डिलीट कर दिया था। उस वीडियो से गलत मैसेज चला गया है, मेरा ऐसा कोई मकसद नहीं था।अगर, किसी को कोई ठेस पहुंची हो तो मैं सबसे माफी चाहता हूं। जिसके पास भी वह वीडियो हो, वह उसे डिलीट कर दे।”
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘हैदराबाद न्यूज सबसे तेज‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 27 अप्रैल 2013 को बने इस पेज को करीब 77 हजार लोग फॉलो करते हैं। इसका पता हैदराबाद का दिया हुआ है।
निष्कर्ष: श्रीगंगानगर में रामनवमी के जुलूस के बाद युवक ने एक व्यक्ति के घर पर भगवा ध्वज फहराया था, जिसे गलत जानकारी के साथ वायरल कर दिया गया। झंडा मस्जिद की छत पर नहीं फहराया गया था। फेक पोस्ट वायरल करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। श्रीगंगानगर के एसपी ने सोशल मीडिया पर वायरल दावे को फेक बताया है।
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