विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर साल 2019 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि तस्वीर कब की है और कहां की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर का उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित सिलक्यारा की निर्माणाधीन सुरंग में करीब 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिनों की मेहनत के बाद बाहर निकाला गया। इसी घटना से जोड़कर एक तस्वीर को तेजी से शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अंधेरी जगह पर हेलमेट लगाए बैठे एक बुजुर्ग की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों में से एक की है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर साल 2019 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि तस्वीर कब की है और कहां की है। लेकिन यह स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर का उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘उदय मौर्या’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “चांद पर पहुंचने से क्या फायदा? यदि आप 10-15 दिनों तक सुरंग में फंसे मजदूरों तक नहीं पहुंच सकते? वर्ल्ड कप जीतने के लिए हवन करते हैं,टनल में फसे 15 दिनों से उनके जान बचाने के लिए हवन क्यों नहीं करते हैं । इन मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं है क्या?””
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर अरब फेसबुक पेज होशियार बनो होशियार बनो पर मिली। तस्वीर को संघर्ष करने वाले पिता को समर्पित करते हुए 28 सितंबर 2020 शेयर किया गया है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने एक बार फिर फोटो को यांडेक्स के जरिए सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर Qasem sultani नामक एक फेसबुक पेज पर 2 मई 2019 को शेयर हुई मिली। कैप्शन में तस्वीर को वॉर से जोड़ते हुए शेयर किया है। यहां पर भी तस्वीर को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं बताई गई है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमें इससे जुड़ी वीडियो रिपोर्ट आजतक की वेबसाइट पर मौजूद मिली। वीडियो को 1 दिसंबर 2023 को अपलोड किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सुरंग से निकाले गए 41 श्रमिक दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे और सरकार का किया धन्यवाद। वीडियो में मजदूरों को भी देखा जा सकता है।
हमारी अब तक की पड़ताल से यह तो साबित होता है कि वायरल तस्वीर का उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि तस्वीर कब की है और कहां की है।
अधिक जानकारी के लिए हमने इस घटना को कवर करने वाले और दैनिक जागरण उत्तरकाशी के जिला प्रभारी शैलेंद्र प्रसाद से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर सुरंग में फंसे मजदूरों से जुड़ी हुई नहीं है। यह तस्वीर हादसे वाले दिन से वायरल है। लोग तब से ही इसे सुरंग में फंसे मजदूरों का बताकर शेयर किया जा रहा है।”
अंत में हमने पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 1.6 हज़ार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को झारखंड का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर साल 2019 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि तस्वीर कब की है और कहां की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर का उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों से कोई संबंध नहीं है।
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