Fact Check : चार साल पहले पशुओं को लेकर बांदा में लगाए बोर्ड की तस्वीर को हाल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में कुछ लोग रोड़ पर एक बैनर को लगाते हुए नजर आ रहे हैं। बैनर पर जानवरों की सुरक्षा के लिए वाहनों को धीरे चलाने की अपील की गई है। इस फोटो को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल में इस बैनर को रोड़ पर लगाया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। यह तस्वीर करीब चार साल पुरानी है। साल 2019 में बांदा पुलिस ने इसे लगाया था, जिसे बाद में हटा लिया गया था। पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘पिंदर सिधु’ ने 22 सितंबर 2023 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, जय जवान जय किसान जय मजदूर साथियों..इस बैनर में उत्तर प्रदेश सरकार की आंखें खोल दी अब तो खुद शासन प्रशासन के लोग बैनर लगाने में जुट गए कि आगे सड़क पर जानवर बैठे हो सकते हैं सरकार को आपकी जान की कोई कीमत नहीं है रोज आवारा सांडों से कहीं ना कहीं रोड एक्सीडेंट या सेंड के मरने से किसी न किसी की मौत होती रहती है…आप सोचिए किसानों के खेत चरने के बाद फ़सल बर्बाद करने के बाद जानवर जाकर सड़क पर बैठ जाते हैं..क्यों नहीं इनको गौशालाओं में सरकारी तंत्र द्वारा ले जाया जाता..उनकी व्यवस्था की जाती।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर शेयर करें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट सुरेंद्र पाठक नामक एक फेसबुक पेज पर मिली। तस्वीर को अगस्त 2019 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने कुछ दिन पहले इस बोर्ड को बांदा में लगाया है। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर बांदा पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें यह तस्वीर 22 अगस्त 2019 को आधिकारिक ट्विटर (एक्स) के अकाउंट पर पोस्ट हुई मिली। तस्वीर को शेयर करते हुए बांदा पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपील की है कि जानवरों की सुरक्षा का ध्यान रखें। सड़क पर जानवर बैठे हो सकते हैं इस बात का ध्यान रखते हुए वाहन को धीरे चलाए। यह पोस्ट अभी भी बांदा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर (एक्स) के अकाउंट पर मौजूद है।

हमें वायरल दावे का खंडन करती हुए एक अन्य पोस्ट बांदा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर (एक्स) के अकाउंट पर मिली। 22 सितंबर 2023 को एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। पुलिस ने हाल-फिलहाल में इस तरह का कोई बैनर नहीं लगाया है। हम इस दावे का खंडन करते हैं। इस तरह की गलत जानकारियों को फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कृपया भ्रामक सूचना ना फैलाएं अन्यथा आवश्यक वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

अधिक जानकारी के लिए हमने बांदा  एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र ने संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, बांदा पुलिस ने हाल-फिलहाल में इस तरह का कोई भी बोर्ड नहीं लगाया है। यह तस्वीर पुरानी है, जिसे अब फिर से शेयर किया जा रहा है बांदा पुलिस इसका खंडन करती है। यह बोर्ड हटा लिया गया था। ”

अंत में हमने पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के करीब पांच हजार मित्र हैं और 5.6 हजार फॉलोअर्स हैं। प्रोफाइल पर यूजर ने खुद को सीतापुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाले बताया है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि जानवरों की सुरक्षा को लेकर बैनर लगाती पुलिस की तस्वीर को लेकर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक है। यह तस्वीर करीब चार साल पुरानी है। साल 2019 में बांदा पुलिस ने इसे लगाया था, जिसे बाद में हटा लिया गया था। पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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