Fact Check : ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस ने भारत को नहीं बताया अशिक्षित नेताओं और बाबाओं का देश, वायरल दावा फर्जी

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि लिज ट्रस के नाम से वायरल हो रहा यह बयान फेक है। लिज ट्रस ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उनकी टीम ने वायरल दावे का खंडन किया है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर यूके की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस के नाम से एक कथित बयान तेजी से वायरल हो रहा है। एक पोस्ट को शेयर कर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि लिज ट्रस ने कहा है कि भारत अशिक्षित नेताओं, बाबाओं की बातों को ध्यान से सुनने वाला देश है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि लिज ट्रस के नाम से वायरल हो रहा यह बयान फेक है। लिज ट्रस ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उनकी टीम ने वायरल दावे का खंडन किया है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर युवा गुजरात ने 10 मार्च 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, अशिक्षित नेता ओ,बाबओं की बातो को ध्यान से सुनने वाला देश भारत है. -लिज ट्रस।

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

गूगल पर कीवर्ड से ओपन सर्च करने पर हमें किसी भी भरोसेमंद मीडिया वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे इस दावे की पुष्टि हो सके। अगर लिज ट्रस ने ऐसा कोई बयान दिया होता तो उसे मेन स्ट्रीम मीडिया जरूर कवर करती।

हमने ट्विटर एडवांस सर्च की मदद से लिज ट्रस के ट्विटर हैंडल पर भी इस बारे में सर्च किया, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं मिला। हमने उनके अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला, लेकिन हमें कहीं भी वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली। 

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने लिज ट्रस की टीम से मेल के जरिए संपर्क किया। उनकी प्रेस सचिव जोनाथन इसाबी वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया, “वायरल दावा गलत है। इस तरह का कोई बयान लिज ट्रस ने नहीं दिया है। यह दावा पूरी तरह से गलत है।” 

फेक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘युवा गुजरात‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर को फेसबुक पर 32 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि लिज ट्रस के नाम से वायरल हो रहा यह बयान फेक है। लिज ट्रस ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उनकी टीम ने वायरल दावे का खंडन किया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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