विश्वास न्यूज की पड़ताल में केले के लूट के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। यह वीडियो साल 2018 का है,जब तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक युवा फल विक्रेता की गाड़ी से केले लूट लिये थे। इसका हाल -फिलहाल से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो को हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के नाम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक बच्चे को गाड़ी में रखे केलों को भीड़ से बचाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को पाकिस्तान के हालिया आर्थिक संकट से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल की। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 में पाकिस्तान के शेखूपुरा में हुई एक घटना का है। जिसे अब हाल का बताते हुए गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक पेज ‘आकाशवाणी’ ने 4 अप्रैल 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “यह वीडियो पाकिस्तान का है…रमजान के महीने में यह लड़का केला लाया था और सोचा था कि इसे बेचकर थोड़ा पैसा जमा कर लूंगा उससे आटा खरीद लूंगा पर लगता नहीं कि अब यह आटा खरीद पाएगा!।”
सोशल मीडिया पर कई यूजर ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले संबंधित कीवर्ड की मदद से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी खबर कई न्यूज वेबसाइट पर पुरानी तारीख में मिली। हमें पाकिस्तान के ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की वेबसाइट पर वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट मिली। 2 नवंबर 2018 को प्रकाशित खबर में वायरल वीडियो के साथ दी गई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के पंजाब सूबे के शहर शेखूपुरा में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने केले से भरी एक युवा फल विक्रेता की गाड़ी को लूट लिया था।
सर्च के दौरान हमें पाकिस्तानी टीवी चैनल दुनिया टीवी न्यूज पर भी वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट मिली। 2 नवंबर 2018 को प्रकाशित खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक,तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों की भीड़ एक युवा फल विक्रेता की गाड़ी से केले लूट रही थी। दरअसल युवा फल विक्रेता शेखूपुरा के बत्ती चौक पर केले बेच रहा था, जहां दक्षिणपंथी धार्मिक पार्टी के प्रदर्शनकारियों ने उसकी गाड़ी पर हमला कर दिया और केले लेके भाग गए थे। जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर के माध्यम से पंजाब सरकार से उस युवा लड़के की वित्तीय मदद के लिए अनुरोध किया, जिसकी आजीविका शेखूपुरा में प्रदर्शनकारियों द्वारा लूट ली गई थी।
सर्च के दौरान हमें सियासत डॉट पीके के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 2 नवंबर 2018 को वायरल वीडियो ट्वीट किया हुआ मिला। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने भी सियासत टीवी के इस ट्वीट को 2 नवंबर 2018 को रीट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा था, “पंजाब सरकार से उस युवा लड़के की वित्तीय मदद के लिए अनुरोध किया था।”
अधिक जानकारी के लिए हमने पाकिस्तान के रिपोर्टर और सोशल एक्टिविस्ट बब्बर जालंधरी के साथ संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वीडियो पुराना है। हमने आज टीवी के सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर आदिल अली से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो पुरानी है।
पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले पेज ‘आकाशवाणी’ की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, पेज को 5 हज़ार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं और 5 हज़ार लोग इस पेज को लाइक करते हैं। फेसबुक पर इस पेज को 3 अप्रैल 2020 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में केले के लूट के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। यह वीडियो साल 2018 का है,जब तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक युवा फल विक्रेता की गाड़ी से केले लूट लिये थे। इसका हाल -फिलहाल से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो को हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
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